कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव का गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग, सुरक्षा पर उठाए सवाल

छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश की नवनियुक्त सह प्रभारी जरिता लैतफलांग ने जिला कांग्रेस कार्यालय स्थित राजीव भवन में एक प्रेस वार्ता में गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार सुशासन की बात करती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि छत्तीसगढ़ में किसी भी नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं है। लैतफलांग ने बताया कि पिछले नौ महीनों में ही तीन हजार से अधिक महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं सामने आई हैं, जो कि सरकार की नाकामी को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में हत्या की घटनाएं भी बढ़ रही हैं, जिससे आम जनता में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है। लैतफलांग ने गृहमंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की, यह कहते हुए कि जब राज्य में कानून-व्यवस्था की इतनी दयनीय स्थिति हो, तो गृहमंत्री को इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
लैतफलांग ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से सवाल किया कि वे सुशासन की परिभाषा क्या मानते हैं, जब न्याय का उल्लंघन खुलेआम हो रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बलौदाबाजार, कवर्धा और सीतापुर में लगातार आपराधिक घटनाएं हो रही हैं। इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार अपराधियों पर नियंत्रण रखने में असफल रही है।
कांग्रेस नेता ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह केवल बयानबाजी कर रही है और वास्तविकता से मुंह मोड़ रही है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार अपने दावों को जमीन पर उतारने में सफल नहीं होती, तब तक नागरिकों का विश्वास नहीं लौटेगा।
लैतफलांग ने यह भी कहा कि प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि लोगों को अपने जीवन और संपत्ति की सुरक्षा का भरोसा मिल सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई जारी रखेगी और सरकार की असफलताओं को उजागर करती रहेगी।
यह प्रेस वार्ता स्पष्ट रूप से छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर कांग्रेस के आक्रामक रुख को दर्शाती है, और पार्टी ने भविष्य में इस मुद्दे को और अधिक मजबूती से उठाने का संकेत दिया है।