लड्डू विवाद में घी सप्लायर्स की मुश्किलें बढ़ीं: एफएसएसएआई ने AR डेयरी को भेजा नोटिस!

तिरुपति लड्डू में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों के चलते, खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम को मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाली तमिलनाडु स्थित एक फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह जानकारी सोमवार को आधिकारिक सूत्रों द्वारा दी गई।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने एक नोटिस में ए आर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड से यह पूछा है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियमन, 2011 के प्रावधानों के उल्लंघन के कारण उसका केंद्रीय लाइसेंस क्यों न निलंबित किया जाए।
नोटिस के अनुसार, प्राधिकरण ने कहा कि उसे मंगलागिरी (आंध्र प्रदेश) स्थित ‘इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन’ के निदेशक से जानकारी मिली है कि डिंडीगुल स्थित ए आर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड पिछले चार वर्षों से तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी की आपूर्ति कर रही है। इसके अतिरिक्त, जानकारी के अनुसार, टीटीडी की घी खरीद समिति ने आपूर्ति किए गए सभी नमूनों को जांच के लिए गुजरात के आनंद स्थित एक प्रयोगशाला में भेजा था। नोटिस में कहा गया है, “विश्लेषण के बाद, आपकी फर्म, मेसर्स ए आर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड (एफएसएसएआई केंद्रीय लाइसेंस संख्या 10014042001610), का नमूना मानदंडों को पूरा करने में विफल रहा है और आपकी फर्म को टीटीडी द्वारा काली सूची में डाल दिया गया है।”
पूरा विवाद क्या है?
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछले हफ्ते यह आरोप लगाया था कि पूर्व वाईएसआरसीपी शासन के दौरान तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले लड्डुओं में घटिया सामग्री और पशु वसा पाई गई थी। नायडू ने गुजरात की एक लैब रिपोर्ट का हवाला देते हुए घी में “बीफ़ टैलो,” “लार्ड” (सूअर की चर्बी) और मछली के तेल की मौजूदगी का दावा किया। हालांकि, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनकी सरकार के तहत कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने नायडू पर भगवान के नाम पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया।