कोचिंग से लौटते समय बाढ़ का कहर: छात्रों की तलाश में जुटे गोताखोर

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बिहार में हाल ही में हुई एक दुखद घटना ने पूरे राज्य को गहरी शोक में डाल दिया है। मुंगेर जिले के बरियारपुर थाना क्षेत्र में दो मैट्रिक के छात्र बाढ़ के तेज बहाव में बह गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ये छात्र कोचिंग से लौटते समय अपनी साइकिल के साथ बाढ़ की धारा में फंस गए। घटना के बाद, जहां से साइकिल और चप्पल मिली, वहां से दोनों छात्रों का कोई पता नहीं चला। यह घटना बिहार में बाढ़ के कारण उत्पन्न गंभीर परिस्थितियों की ओर इशारा करती है।

राज्य के कई जिलों में बाढ़ ने कहर बरपा रखा है, जिससे जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और कई जगहों पर आवागमन ठप हो गया है। विद्यालयों में जल जमाव की स्थिति बनी हुई है, जिससे पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ऐसे में, स्कूल और कॉलेजों के छात्र और उनके परिवार चिंता में हैं कि शिक्षा का यह महत्वपूर्ण समय उनके लिए और अधिक कठिनाई पैदा करेगा।

इस दुखद घटना में बहने वाले छात्रों की पहचान की गई है। मुकुंद कुमार (14) और चाहत कुमार, जो नाकी पंचायत के लोहची निवासी हैं। मुकुंद बालेश्वर पासवान का पुत्र है, जबकि चाहत बबलू पासवान का पुत्र है। चाहत कुमार अपनी नानी के घर लोहची में रहकर पढ़ाई कर रहा था और उसकी पहचान सुलतानगंज के माल खानपुर के निवासी के रूप में हुई है।

यह घटना न केवल परिवारों के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक बड़ा सदमा है। बाढ़ की स्थिति ने उनके भविष्य को अनिश्चित बना दिया है। ऐसी घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि प्राकृतिक आपदाएं कितनी भयंकर हो सकती हैं, और यह आवश्यक है कि लोग इस दौरान सतर्क रहें। प्रशासन को चाहिए कि वे राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाएं और प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाएं।

बिहार में बाढ़ के कारण हो रही तबाही को रोकने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। आशा है कि जल्द ही राहत कार्य शुरू होंगे और दोनों छात्रों का पता चलेगा, जिससे उनके परिवारों को कुछ सुकून मिल सकेगा।

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