यूपी: कांशीराम के विश्वासपात्र आनंद कुमार पर मायावती ने जताया भरोसा, आकाश आनंद से मिली बड़ी जिम्मेदारी

मायावती ने रविवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी समेत सभी पदों से हटा दिया है। बीते एक साल के भीतर मायावती ने आकाश आनंद पर दूसरी बार कार्रवाई की है।
साथ ही, उन्होंने घोषणा की है कि अब उनके जीते-जी कोई उनका उत्तराधिकारी नहीं बनाया जाएगा। उन्होंने अपने भाई आनंद कुमार (आकाश के पिता एवं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष) और केंद्रीय समन्वयक रामजी गौतम को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाने के साथ देश भर में पार्टी संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
आनंद ने कभी नहीं किया नुकसान
मायावती ने कहा कि अब आकाश के स्थान पर पूर्व की तरह आनंद कुमार ही पार्टी के कार्य करते रहेंगे। आनदं पहले की तरह ही अभी तक मेरा और पार्टी का सभी कार्य करते रहे हैं और कभी मुझे निराश नहीं किया। पार्टी व मूवमेंट को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाया।
पार्टी के लोगों की सहमति से आनंद कुमार मेरी गैर-हाजिरी में पार्टी का पूरा पेपर-वर्क देखेंगे। वह इनकम टैक्स, कोर्ट के मामले, मेरे चुनावी दौरों आदि का भी प्रबंध देखते रहे हैं। अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर बसपा संस्थापक कांशीराम के बीमार होने पर और उस दौरान मेरे दौरे पर होने पर पूरी देखभाल करते रहे हैं। यह दिल्ली में पार्टी का सभी जरूरी कार्य देखने के साथ-साथ देशभर में पार्टी के लोगों से संपर्क बनाकर रखते है, जिसकी पूरी जानकारी समय-समय पर मुझे देते हैं। इसलिए वर्तमान हालात में इनको पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ नेशनल कोआर्डिनेटर भी बनाया गया है।
मालूम हो कि आनंद कुमार आकाश आनंद के पिता हैं। आकाश आनंद से उलट आनंद कुमार ज्यादातर पर्दे के पीछे से ही पार्टी में अपनी भूमिका अदा करते रहे हैं। आंनद कुमार रैलियों आदि से दूर रहे हैं। राजनीति में सक्रिय होने के बाद आकाश आनंद न सिर्फ कई राज्यों के प्रभारी बनाए बल्कि पार्टी के स्टार प्रचारक भी रहे हैं।
आनंद के भरोसेमंद हैं रामजी गौतम
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि रामजी गौतम की मेहनत व कार्यशैली से पार्टी के लोग खुश हैं। इन पर मेरे साथ-साथ आनंद कुमार का भी पूरा भरोसा है। आनंद कुमार दिल्ली में रहकर कार्य करेंगे, जबकि रामजी गौतम देश के हर राज्य में जाकर पार्टी की प्रगति रिपोर्ट लेंगे। पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए मेरे निर्देशों को लागू करवायेंगे। जहां चुनाव नजदीक होंगे, तो वहां यह अपना ज्यादा समय देंगे। इनका ज्यादातर कार्य फील्ड का ही होगा।