मालवाहक वाहनों को शहर में प्रवेश न दिए जाने का असर दिखने लगा है। शहर की प्रमुख गल्ला मंडी मुट्टीगंज में तमाम व्यापारियों के गोदाम से चीनी, आटा, मैदा, सूजी आदि का स्टॉक तकरीबन खत्म हो चुका है।
जिनके यहां माल बचा भी है वह फुटकर दुकानों की मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। थोक व्यापारियों ने कहा कि अगर अनाज लदे वाहन शहर में नहीं आए तो यहां तमाम जरूरी खाद्यान्न के लिए हाहाकार मचना तय है।
मुट्टीगंज गल्ला मंडी की बात करें तो 26 जनवरी के बाद से ही मालवाहक वाहनों की आवाजाही यहां बंद है। वसंत पंचमी के बाद यहां कुछ वाहन आए भी लेकिन उनकी संख्या सीमित होने से ज्यादा माल नहीं आ सका।
फिलहाल सोमवार को यहां गल्ला मंडी के तमाम कारोबारियों के यहां स्टॉक तकरीबन खत्म हो गया। जिनके यहां बचा भी है वहां एक दो दिन में आटा, चीनी, सूजी, मैदा, दाल आदि का स्टॉक खत्म हो सकता है।फुटकर कारोबारी दीपक केसरवानी ने बताया कि वह थोक बाजार में चीनी लेने गए तो उन्हें नहीं मिली। एक कारोबारी के यहां 50 किलो चीनी मांगी भी गई तो उसने 15 किलो ही दी। थोक कारोबारी राजेश केसरवानी ने बताया कि उन्होंने आटा के लिए गेहूं मंगवाया था, लेकिन दो सप्ताह से उनका ट्रक भरवारी में ही खड़ा है। समझ ही नहीं आ रहा कि क्या किया जाए।
गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी ने कहा कि चाकघाट बार्डर पिछले कई दिन से दाल लदे ट्रक खड़े हैं, लेकिन उन्हें प्रयागराज में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। कहा कि प्रशासन से हम सभी व्यापारियों की गुजारिश है कि एक निर्धारित समय में इन वाहनों को प्रवेश दिया जाए। सतीश ने बताया कि तमाम कारोबारियों के पासा चीनी, आटा, मैदा आदि का स्टॉक खत्म भी हो गया है।