अभिनव अरोड़ा की याचिका पर सुनवाई, रामभद्राचार्य मामले में सात यूट्यूबर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग

शुक्रवार को मथुरा पहुंचे बाल संत अभिनव अरोड़ा ने अपनी कविता के माध्यम से अपनी व्यथा व्यक्त की। अपने शब्दों में उन्होंने कहा, “हम इतने भी बुरे नहीं थे, जितने इल्जाम लगाए लोगों ने।” यह कविता उनके भावनात्मक दर्द और समाज से मिली आलोचनाओं का प्रतिबिंब थी। उन्होंने कहा कि चंद लाइक्स और व्यूज के लिए लोगों ने उनके बारे में कई बातें बनाईं और उनकी भक्ति को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “मैं अदना सा बालक तो कान्हा जी का सेवक हूं,” लेकिन उनकी भक्ति का भी मजाक उड़ाया गया।
इस दिन, अभिनव अरोड़ा अपनी मां और अधिवक्ता के साथ एसीजेएम प्रथम की अदालत में पेश हुए। उन्होंने सात यूट्यूबरों के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिन पर आरोप है कि उन्होंने निजी स्वार्थ के लिए रामभद्राचार्य महाराज द्वारा उन्हें डांटने का वीडियो वायरल किया और सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार बनाया।
मामले की सुनवाई के दौरान, अदालत ने साइबर थाने से मांगी गई रिपोर्ट को देखा, लेकिन वह स्पष्ट नहीं थी। इस पर अदालत ने साइबर थाने को स्पष्ट रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए और मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 जनवरी की तारीख तय की।
अभिनव अरोड़ा, जिन्हें बाल संत के नाम से जाना जाता है, ने यह भी कहा कि उनकी भक्ति और भावनाओं को समझने के बजाय लोगों ने भेड़चाल में चलकर उनके खिलाफ बातें बनाई। यह घटना न केवल धार्मिक विश्वासों को लेकर समाज की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सोशल मीडिया पर संवेदनशील मुद्दों को कैसे गलत दिशा में ले जाया जा सकता है।