महाकुंभ में जलती मोमबत्तियों पर होगा मूंछ नृत्य, गिनीज बुक में दर्ज दुकानजी का नाम

महाकुंभ में इस बार संगमनगरी के कलाकारों को विशेष मंच मिलेगा, जिसमें खासतौर पर मूंछ नृत्य और विश्व की सबसे छोटी गीता जैसे अनूठे प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र होंगे। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी से जुड़े मूंछ नर्तक राजेंद्र कुमार तिवारी, जिन्हें दुकान जी के नाम से भी जाना जाता है, अपने मूंछ नृत्य से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करेंगे। उनका यह प्रदर्शन विशिष्ट है, जिसमें वे अपनी मूंछों से नृत्य करते हैं और उनकी मूंछों पर जलती हुई मोमबत्तियां भी एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती हैं। राजेंद्र कुमार तिवारी का दावा है कि 160 पेज की सबसे छोटी गीता दो अंगुलियों के बीच आसानी से आ सकती है, और इसे भी इस महाकुंभ में प्रदर्शित किया जाएगा।
मूंछ नृतक दुकान जी का यह अनोखा प्रदर्शन पहले ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। वे अब तक 22 देशों में अपनी मूंछों के करतब दिखा चुके हैं और भारतीय गणमान्य व्यक्तियों के साथ भी उनका नृत्य देखने का अवसर मिल चुका है। इनमें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा, के.आर. नारायणन, और पूर्व राज्यपाल विष्णु कांत शास्त्री शामिल हैं। इन मंचों पर उन्होंने अपनी मूंछों पर जलती हुई मोमबत्तियों से नृत्य प्रस्तुत किया और कार्यक्रमों का शुभारंभ भी किया।
दुकान जी का यह नृत्य केवल एक मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और कला के प्रति एक गहरी श्रद्धा और निष्ठा का प्रतीक है। उनके साथ कुचिपुड़ी, मणिपुरी, गरबा, कत्थक, भरतनाट्यम और डांडिया जैसे पारंपरिक नृत्य भी किए जाएंगे, जिनमें मोमबत्तियां प्रमुख रूप से नृत्य करती हुई दिखाई देंगी। यह प्रदर्शन न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के दर्शकों को आकर्षित करेगा और महाकुंभ के दौरान एक प्रमुख आकर्षण साबित होगा।