अश्लील वीडियो देखने का झांसा देकर मांगे पैसे, युवक ने ऐसे बचाई जान

शहडोल जिले के धनपुरी थाना क्षेत्र में रहने वाले एक युवक के साथ साइबर ठगी का अनोखा मामला सामने आया है, जिसे “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर डराने और पैसे ऐंठने की कोशिश की गई। ठग ने खुद को क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर युवक को अश्लील पिक्चर देखने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार करने की धमकी दी।
घटना तब शुरू हुई जब युवक को एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके पास युवक के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और कुछ ही देर में क्राइम ब्रांच की टीम उसे गिरफ्तार करने आएगी। ठग ने युवक को डराते हुए कहा कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उसे तुरंत 7,000 रुपये ट्रांसफर करने होंगे। ठग ने यह भी दावा किया कि उसने युवक के अकाउंट में एक रुपया ट्रांसफर किया है और उसी नंबर पर पैसे भेजने को कहा।
युवक शुरुआत में ठग के जाल में फंस गया और खुद को निर्दोष बताते हुए सफाई देने लगा। ठग ने उसे करीब 24 मिनट तक फोन पर डराए रखा, जिससे वह मानसिक रूप से दबाव में आ गया। हालांकि, बाद में युवक को ठगी का शक हुआ और उसने ठग से बातों को घुमाना शुरू कर दिया। जब ठग को लगा कि उसका झांसा काम नहीं कर रहा है, तो उसने खुद ही कॉल काट दिया।
इस घटना से यह स्पष्ट है कि साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। साइबर क्राइम से बचने के लिए:
1. अनजान कॉल्स और संदिग्ध दावों पर भरोसा न करें।
2. किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने बैंक डिटेल्स या पैसे ट्रांसफर न करें।
3. ठगी का अंदेशा होने पर तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
4. क्राइम ब्रांच या अन्य सरकारी विभाग कभी इस तरह से पैसे नहीं मांगते।
इस घटना ने लोगों को सतर्क रहने और डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को और मजबूत कर दिया है।