UP Election: “इन तीन कारणों से होगा इस सीट पर हार-जीत का फैसला, जानिए अहम मतदान केंद्रों के बारे में”

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UP:  कानपुर की सीसामऊ सीट पर आज उपचुनाव का मतदान हो रहा है। सपा का कब्जा बरकरार रहेगा या भाजपा सपा के इस चुनावी किले पर अपना भगवा फहराने में सफल रहेगी। इन सब में कुछ खास मतदान केंद्रों और बूथों के मतदान का रुझान और मतदान प्रतिशत की सबसे खास भूमिका रहेगी। जुटेंगे तो जीतेंगे और बटेंगें तो कटेंगे वाले मूलमंत्र ही तय करेंगे कि कौन बनेगा सीसामऊ का नया विधायक।

सबसे अहम भूमिका निभा सकता है मतदान प्रतिशत
उपचुनाव में सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि कितना फीसदी मतदान होगा। पिछले तीनों चुनावों की बात करें तो सीसामऊ सीट पर हमेशा 50 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है,और तीनों ही बार सीट सपा की झोली में गई है। परिसीमन के बाद नवगठित सीसामऊ सीट पर वर्ष 2012 में पहला चुनाव हुआ था।
इसमें 54.19 फीसदी लोगों ने मतदान किया, तब हाजी इरफान सोलंकी को 42.17 फीसदी वोट मिले थे। भाजपा 27.50 फीसदी वोट ही पा सकी थी, 16 फीसदी से ज्यादा वोट कांग्रेस की झोली में भी गया था। वहीं, 2017 के दूसरे चुनाव में यहां 57.1 फीसदी वोट पड़े।
इनमें सपा को 47.6 और भाजपा को 43.8 फीसदी वोट मिले। इरफान फिर जीत दर्ज करने में कामयाब हुए। तीसरे यानी वर्ष 2022 के पिछले चुनाव में 57.15 फीसदी वोट पड़े। इनमें से आधे यानी 50.68 फीसदी वोट मिलने के कारण इरफान जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब हुए थे।
उनके वोट प्रतिशत में तीन फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। वहीं, भाजपा को 42.83 फीसदी मत मिले थे। इसमें करीब एक फीसदी की गिरावट हुई थी। इस बार भी मान जा रहा है कि ज्यादा मतदान प्रतिशत सपा के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि कुछ माह पहले हुए लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस गठबंधन ने भाजपा को शिकस्त दी थी।
जुटेंगे या बटेंगे तय कर देगा जीत-हार का समीकरण
उपचुनाव को लेकर और सपा और बसपा ने जीत हार के लिए अपनी-अपनी रणनीति बना रखी है, जहां सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी को मतदाताओं की सहानुभूति और पति व ससुर के नाम पर वोट पाने की उम्मीद कर रहीं हैं।

वहीं पहली बार सीट पर भगवा लहराने की उम्मीद में भाजपा को हिंदू मतदाताओं से सर्वाधिक आस है। ऐसे में पार्टी की पहली कोशिश यही है कि मतदाता जाति नहीं धर्म के नाम पर एकजुट होकर उनके पक्ष में मतदान करें। यही वजह है कि सीएम योगी के कहे बटेंगे तो कटेंगे वाक्य को जीत का मूलमंत्र बनाकर भाजपा ने लोगों से मतदान की अपील की है।

वहीं इसकी काट में सपा सांसद डिंपल के कहे जुटेंगे तो जीतेंगे को सपा समर्थक अपने नजरिए से मतदाताओं को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। वह मान रहे हैं कि मुस्लिम, यादव ,दलित आदि जाति और कांग्रेस आदि दलों से गठबंधन के चलते उनके समर्थकों ने पक्ष में मतदान कर दिया तो जीत तय है। सीट पर 45 फीसदी मुस्लिम,25 फीसदी सामान्य, 16 फीसदी दलित और 14 फीसदी ओबीसी व अन्य हैं। भाजपा को अपने बूथ मैनेजमेंट पर भी पूरा भरोसा है।
इन खास केंद्रों के मतदाता बन सकते हैं भाग्य विधाता
सीसामऊ में बुधवार को 48 मतदान केंद्रों के 275 बूथ पर मतदान होगा। इनमें से नौ मतदान केंद्र ऐसे हैं, जिनमें नौ में दस से ज्यादा बूथ बनाए गए हैं। इनमें से राजकीय इंटर कॉलेज चुन्नीगंज और राजकीय इंटर कॉलेज कर्नलगंज में 13-13 बूथ हैं। मुस्लिम बाहुल्य मतदाताओं वाले इन बूथों पर करीब 26 हजार लोगों को वोट डालना है।

हलीम मुस्लिम इंटर कालेज चमनगंज और कंपोजिट विद्यालय कर्नलगंज के आठ-आठ बूथों के मतदाताओं की बदौलत सपा इन सीटों अजेय बढ़त पाती रही है। बेकनगंज के तालीमुल इस्लाम स्कूल और तालीमुल इस्लाम स्कूल कन्या जूनियर हाई स्कूल में कुल आठ बूथ हैं। इनके वोट सपा को पिछले चुनावों में एकतरफा बढ़त दिलाते रहे हैं। वहीं महेश चन्द्र चौधरी भारतीय विद्यालय इंटर कॉलेज आचार्य नगर के 18 बूथ हैं।

इस इलाके के मतदाता पिछले चुनावों में दिल खोलकर भाजपा के पक्ष में मतदान करते रहे हैं। यहां करीब 18 हजार मतदाता होने के चलते यहां से भाजपा को फिर काफी उम्मीदें हैं। इसके अलावा गुरुनानक गर्ल्स इंटर कॉलेज कौशलपुरी के बूथों में भाजपा बढ़त बनाती रही है। यहां इस बार करीब 10 हजार मतदाता हैं। हरसहाय जगदंबा सहाय इंटर कॉलेज सीसामऊ में बूथ भी पिछले चुनावों में भगवा रंग गाढ़ा करते रहे हैं। इस बार यहां 14 हजार मतदाताओं को मतदान करना है।

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