उत्तर प्रदेश में नौकरशाही पर योगी का नया दांव, डीएम-कमिश्नर को करने होंगे विशेष कार्य

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों को मजबूती प्रदान करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब जिलाधिकारी (डीएम) और मंडलायुक्त (कमिश्नर) के कार्यक्षेत्र में निवेश की प्रगति और उनके प्रयासों की मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके तहत, डीएम और कमिश्नर की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में उनके क्षेत्रों में हुए निवेश और लोन संबंधी प्रगति का उल्लेख अनिवार्य होगा, जिससे अधिकारियों की परफॉर्मेंस का निष्पक्ष मूल्यांकन संभव हो सकेगा।यह व्यवस्था यूपी को देश का पहला राज्य बनाएगी, जो इस प्रकार की मॉनिटरिंग प्रक्रिया लागू कर रहा है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि अधिकारियों को निवेशकों की सुरक्षा, सुविधाएं और सहूलियतें प्रदान करने के लिए की गई कोशिशों का भी मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।

अधिकारी अब लैंड अलॉटमेंट, लैंड सब्सिडी, लैंड यूज चेंज, और लैंड क्लियरेंस जैसे मामलों की समयबद्ध तरीके से निगरानी करेंगे। इससे अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों का सही ढंग से पालन करने का प्रोत्साहन मिलेगा। जिन जिलों के डीएम बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उन्हें उच्च ग्रेडिंग और विशेष सम्मान दिया जाएगा, जिससे अधिकारियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि यूपी का क्रेडिट डिपॉजिट (सीडी) रेशियो 2017 में 47 प्रतिशत था, जो अब वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 60.32 प्रतिशत हो गया है। सरकार का लक्ष्य इसे 65 प्रतिशत तक ले जाने का है। यह वृद्धि राज्य में आर्थिक स्थिरता और निवेश के अनुकूल वातावरण को दर्शाती है।

योगी सरकार ने कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों में सुधार के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरे और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिले। विशेष रूप से, संभल, अमरोहा, और मुरादाबाद जैसे जिलों का सीडी रेशियो अच्छा है, जबकि उन्नाव और बलरामपुर जैसे जिलों का सीडी रेशियो कम है। ऐसे जिलों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी।हर साल अप्रैल में डीएम और कमिश्नर को अपने जिले का सीडी रेशियो प्रस्तुत करना होगा, ताकि वे निवेश को बढ़ाने के लिए बेहतर प्रयास कर सकें। इस कदम का उद्देश्य न केवल निवेश आकर्षित करना है, बल्कि प्रदेश के विकास में अधिकारियों की भूमिका को भी बढ़ाना है।

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