भदोही के कॉलेज में फेयरवेल के बहाने छात्राओं से वसूली का आरोप, पुलिस में शिकायत

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में एक महिला डिग्री कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए हैं। यहां ‘फलाहे उम्मत गर्ल्स पीजी कॉलेज’ में छात्राओं से फेयरवेल पार्टी के नाम पर कथित तौर पर जबरन धन वसूली की जा रही है। इस मामले में एक ऑडियो क्लिप भी वायरल हो रही है, जिसमें प्रबंधन की कथित धमकियाँ सुनाई दे रही हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजी गई एक शिकायत में बताया गया है कि कॉलेज प्रबंधन प्रति छात्र 250 रुपये की मांग कर रहा है। जो छात्राएं पैसे देने में असमर्थ हैं, उन्हें कॉलेज से निष्कासित करने की धमकी दी जा रही है। आरोप है कि प्रबंधन ने छात्राओं को भविष्य में अन्य कॉलेजों में दाखिला न मिलने और उनके चरित्र प्रमाण पत्र में दाग लगाने की भी धमकी दी है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने जांच का आदेश दिया है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने सक्रियता दिखाई और मामले की जांच शुरू कर दी है। भदोही कोतवाली क्षेत्र में हुई इस घटना ने स्थानीय प्रशासन को चिंता में डाल दिया है।
शिकायतकर्ता फैज अहमद ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में छात्राओं से 100 से 250 रुपये की वसूली की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जो छात्राएं पैसे देने से मना करती हैं, उन्हें प्राचार्य और शिक्षकों द्वारा परीक्षा में नंबर काटने और चरित्र प्रमाण पत्र में दाग लगाने की धमकी दी जाती है। फैज ने कहा कि स्थानीय स्तर पर सुनवाई न होने पर उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
जिल विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने मामले की पुष्टि की और कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय से जांच के आदेश प्राप्त हुए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक ने यह भी कहा कि रुपये न देने पर छात्राओं के चरित्र पर दाग लगाने की धमकी दी गई है, और उचित कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी विशाल सिंह ने मामले की गंभीरता को स्वीकार किया और कहा कि बच्चों से स्वेच्छा से पैसे लेना एक बात है, लेकिन धमकी देकर पैसे मांगना एक गंभीर विषय है। उन्होंने एक टीम बनाकर निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। यह मामला न केवल छात्राओं के भविष्य के लिए चिंताजनक है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में नैतिकता और मानवीय मूल्यों के लिए भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।संपूर्ण घटना ने भदोही में शिक्षा के वातावरण पर सवाल उठाया है और प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।