चतरा विधानसभा सीट का राजनीतिक समीकरण: जानें क्षेत्र का विस्तृत इतिहास

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चतरा विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास बेहद विविधतापूर्ण है। 1952 से 1977 तक यह सीट सामान्य रही, लेकिन 1977 में इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया। 1980 के चुनाव में कांग्रेस के महेश राम इस सीट से पहले आरक्षित विधायक बने, जिन्होंने भाजपा के बीकु राम को हराया। इससे पहले 1977 में डॉ. एम अहमद साबरी ने जनसंघ के प्रजापालक सिंह को मामूली अंतर से पराजित किया था।

1970 में विधायक कामाख्या नारायण सिंह के निधन के बाद उपचुनाव हुआ, जिसमें कुंदा के राजा प्रजापालक नाथ सिंह ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उपेंद्र नाथ वर्मा को हराया। 1969 और 1957 के चुनावों में कामाख्या नारायण सिंह विजयी हुए थे।

1985 से 1995 तक भाजपा के महेंद्र सिंह भोगता ने दो चुनाव जीते। फिर 1995 में राजद के जनार्दन पासवान ने जीत दर्ज की, लेकिन 1999 और 2004 में सत्यानंद भोगता ने भाजपा का परचम लहराया। 2014 में भाजपा के जयप्रकाश सिंह भोगता ने राजद के जनार्दन पासवान को पराजित किया, लेकिन 2019 में राजद के सत्यानंद भोगता ने फिर से जीत हासिल की, और जनार्दन पासवान को 25,000 से अधिक मतों से हराया

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