UTTARAKHAND NEWS: रामसर साइट की रौनक बढ़ाने वाले पलाश फिश ईगल ने इस बार समय से पहले ही उपस्थिति दर्ज करा दी; यह प्रजाति अभी लुप्त होने की कगार पर है
आसन रामसर साइट की रौनक बढ़ाने वाले पलाश फिश ईगल ने इस बार समय से पहले ही उपस्थिति दर्ज करा दी है। हालांकि, अभी इस पक्षी को अकेले ही झील के ऊपर उड़ता देखा गया है।
पक्षी विशेषज्ञों को उम्मीद है कि उसका दूसरा साथी भी जल्द ही रामसर साइट पहुंचेगा। इस बार यह जोड़ा अपना घोंसला भी बनाएगा। विदित हो कि इस पक्षी ने पिछले कई साल से यहां घोंसला नहीं बनाया है।
आसन रामसर साइट में अभी तक रूडी शैलडक, कामन कूट, गाडवैल, इरोसिअन वीगन, टफ्ड डक प्रजातियों के लगभग 500 पक्षी झील में अपना आशियाना बना चुके हैं।
बृहस्पतिवार को वन विभाग के पक्षी अवलोकन विशेषज्ञ और वन दरोगा प्रदीप सक्सेना ने दुर्लभ प्रजाति के पलाश फिश ईगल को झील के ऊपर उड़ते भरते हुए देखा। यह पक्षी लुप्तप्राय: की सूची में शामिल है।
इस प्रजाति के मात्र 2500 पक्षी ही विश्व स्तर पर गिने गए हैं। पलाश फिश ईगल कई वर्षों से आसन रामसर साइट में आता रहा है। झील से सटे वन आरक्षी प्रशिक्षण केंद्र की सीमा में स्थित एक अधिक ऊंचाई वाले पेड़ पर अपना आशियाना भी बनाता है।
पक्षी विशेषज्ञ अजय शर्मा बताते हैं कि पिछले कई साल से पलाश फिश ईगल लंबा इंतजार कराता था। इस बार जल्दी आने से पक्षी प्रेमियों में उत्साह है।
पक्षी विशेषज्ञ डाॅ. सौम्या प्रसाद व डाॅ. रिद्यिमा ने बताया कि कई साल से पलाश फिश ईगल का घोंसला आसन क्षेत्र में नहीं देखा गया है। इस बार उसके जल्दी आ जाने से यह उम्मीद है कि वह अपना घोंसला भी जरूर बनाएगा।