बिहार में बालू खनन की नई व्यवस्था, 300 घाटों पर शुरू होगी प्रक्रिया

बिहार में लंबे समय के बाद बुधवार से बालू खनन फिर से शुरू होने जा रहा है। खान एवं भूतत्व विभाग के अनुसार, इस बार 300 से अधिक घाटों से बालू का खनन किया जाएगा। अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने नई व्यवस्था की है, जिसमें ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। ड्रोन के माध्यम से बालू घाटों की चौहद्दी तय की जा रही है, ताकि अवैध खनन की स्थिति का सही आकलन किया जा सके। इसके साथ ही, प्रत्येक जिले में कंट्रोल एंड कमांड सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे।
ये सेंटर अवैध खनन की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए बनाए जा रहे हैं। विभाग ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिलों में जिला प्रशासन के साथ समन्वय करें। ताकि खनन कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे, सभी घाटों और जिला कार्यालयों में बैनर लगाने का भी निर्देश दिया गया है। जिन घाटों की बंदोबस्ती नहीं की गई है, वहां सरकारी बैनर लगाए जाएंगे, जिससे अवैध खनन होने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
अवैध खनन की घटनाओं के संदर्भ में गया जिले में हाल ही में 23 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। खान निरीक्षक प्रखर प्रज्ञा द्वारा दर्ज की गई FIR में बताया गया है कि मखरौर, पट्टी, और भुरकुंडा नदी से अवैध तरीके से बालू उठाई गई है। आरोप है कि माफियाओं ने नदी से 12,250 घनफुट बालू का अवैध उत्खनन किया, जिससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
खान निरीक्षक के अनुसार, पट्टी क्षेत्र में 45 फीट चौड़े और 2 फीट गहरे गड्ढे में अवैध रूप से बालू का उठाव किया गया और इसे बाजार में बेचा गया। स्थानीय चौकीदार की पुष्टि के अनुसार, ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों से चोरी की गई बालू को अवैध रूप से बेचा जा रहा था।
भुरकुंडा नदी से भी 9,600 घनफुट बालू का अवैध उत्खनन किया गया। यहां कोई वैध सरकारी बालू घाट नहीं है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि माफियाओं द्वारा सामूहिक रूप से अवैध रूप से बालू बेची जा रही है। खान निरीक्षक ने इस मामले में कई लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है, जिससे प्रशासन की सतर्कता और अवैध खनन पर नियंत्रण के प्रयासों की पुष्टि होती है।