“बिहार की बढ़ती पहचान: नए आंकड़ों में नंबर 1 राज्य, राजस्थान और तेलंगाना का किया सफाया”

बिहार स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य ने मरीजों को आवश्यक दवाओं के वितरण, आपूर्ति और उपयोग के मामले में 77.22 प्रतिशत अंकों के साथ देश में पहले स्थान पर आकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसके बाद राजस्थान 76.91 प्रतिशत के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि तेलंगाना 69.14 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहा है। यह सफलता स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित ड्रग एंड वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (डीवीडीएमएस) के अंतर्गत आई है, जो कि देश के 24 राज्यों में लागू है।
डीवीडीएमएस पोर्टल के माध्यम से अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति और उपलब्धता का प्रभावी प्रबंधन किया जाता है। यह न केवल दवा की सही आपूर्ति सुनिश्चित करता है, बल्कि दवा आपूर्तिकर्ताओं को समय पर भुगतान की व्यवस्था भी करता है। बिहार ने दवा स्टॉक से लेकर वितरण तक कुल 11 मापदंडों पर अव्वल प्रदर्शन किया है, जो इस क्षेत्र में राज्य की सफलता का एक प्रमाण है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में, 2005-06 में अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की दिशा में कदम उठाए गए थे। 2006 में बिहार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन से जुड़ी योजनाओं को राज्य में लागू करने की अनुमति प्रदान की, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की शुरुआत हुई। इस प्रकार, बिहार की यह सफलता न केवल स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह राज्य के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में किए गए प्रयासों का भी प्रतीक है।
इस उपलब्धि के साथ, बिहार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक हो सकता है।