“नवरात्रि 2024: नौ दिनों में मां दुर्गा को क्या करें प्रसाद अर्पित

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शारदीय नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की नौ रूपों में विधि-विधान से पूजा की जाती है, और हर दिन उन्हें विशेष भोग अर्पित करने का महत्व होता है। यह माना जाता है कि देवी-देवताओं को उनकी पसंद के अनुसार भोग अर्पित करने से साधकों को विशेष कृपा मिलती है और उनकी इच्छाओं की पूर्ति होती है। देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल के अनुसार, प्रत्येक दिन मां के अलग-अलग स्वरूपों को भोग चढ़ाने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

नवरात्रि के नौ दिनों के भोग की शुरुआत मां शैलपुत्री से होती है। पहले दिन मां को गाय के घी से बनी मिठाई का भोग अर्पित करना चाहिए, जो उनकी प्रसन्नता का प्रतीक है। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के दौरान शक्कर पंचामृत का भोग लगाया जाता है, जो उनके भक्तों को शांति और सौभाग्य प्रदान करता है।

तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई या खीर अर्पित की जाती है, जो उनके शांत रूप को संतुष्ट करता है। चौथे दिन मां कुष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाना शुभ माना जाता है, जिससे धन और समृद्धि के योग बनते हैं।

पांचवे दिन मां स्कंद माता को केले का भोग चढ़ाने से परिवारिक सुख और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। छठे दिन मां कात्यायनी को मीठे पान का भोग अर्पित करना चाहिए, जो विवाह और प्रेम संबंधी बाधाओं को दूर करता है।

सातवें दिन मां कालरात्रि को गुड़ से बनी मिठाई और खीर चढ़ाने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। आठवें दिन महागौरी को नारियल का भोग अर्पित किया जाता है, जो सौंदर्य और शुद्धता का प्रतीक है।

नवें दिन मां सिद्धिदात्री को खीर, पूरी और हलवा का भोग लगाया जाता है। दशहरे के दिन, मां दुर्गा को जलेबी और बालूशाही चढ़ाकर विदा करना शुभ माना जाता है, जो विजय और समृद्धि का प्रतीक है।

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