छोटे व्यापारियों के हक की रक्षा के लिए सेबी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए: राहुल गांधी

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए बताया कि पिछले तीन वर्षों में 90 प्रतिशत छोटे निवेशकों ने वायदा और विकल्प (एफएंडओ) कारोबार में करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाया है। उन्होंने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से अपील की कि वह उन “तथाकथित बड़े खिलाड़ियों” के नाम सार्वजनिक करे, जो छोटे निवेशकों की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं।

राहुल का यह बयान सेबी द्वारा सोमवार को जारी किए गए एक अध्ययन के बाद आया, जिसमें उल्लेख किया गया था कि वित्त वर्ष 2014 के दौरान 91 प्रतिशत यानी 73 लाख से अधिक व्यक्तिगत व्यापारियों ने एफएंडओ सेगमेंट में औसतन 1.2 लाख रुपये की शुद्ध हानि झेली। यह आंकड़ा दर्शाता है कि छोटे निवेशक बड़े वित्तीय खिलाड़ियों के मुनाफे का शिकार हो रहे हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि छोटे निवेशक अक्सर बड़े खिलाड़ियों के जाल में फंस जाते हैं, जो अपनी ताकत के जरिए उन्हें धोखा देते हैं। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए सेबी को पारदर्शिता बढ़ाने और उन बड़े निवेशकों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता बताई, जो छोटे निवेशकों का शोषण कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को छोटे निवेशकों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित निवेश का वातावरण प्रदान करना चाहिए। उनका मानना है कि इस तरह के नुकसान केवल छोटे निवेशकों को ही नहीं, बल्कि वित्तीय बाजार की समग्र स्थिरता को भी प्रभावित करते हैं।

राहुल ने इस मुद्दे को एक व्यापक आर्थिक विषय के रूप में प्रस्तुत करते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि जब तक छोटे निवेशकों को उचित सुरक्षा और मार्गदर्शन नहीं मिलता, वे हमेशा बड़े खिलाड़ियों के हाथों में खिलौना बने रहेंगे।

इस पूरे प्रकरण ने वित्तीय क्षेत्र में पारदर्शिता और छोटे निवेशकों की सुरक्षा की आवश्यकता को फिर से स्पष्ट किया है। राहुल गांधी के इस बयान ने न केवल राजनीतिक चर्चा को बढ़ावा दिया है, बल्कि निवेशकों के अधिकारों के लिए एक सशक्त आवाज भी प्रदान की है। यह घटनाक्रम छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए भविष्य में नीतिगत बदलाव का आधार बन सकता है।

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