बिहार में कानून व्यवस्था पर नजर रखने के लिए डीजीपी आलोक राज का दौरा

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बिहार के डीजीपी आलोक राज ने राज्य में विधि-व्यवस्था को सुधारने के लिए खुद क्षेत्र भ्रमण करने का निर्णय लिया है। उनका यह कदम पुलिस व्यवस्था की समीक्षा और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। डीजीपी आलोक राज रेंज और जिलों में जाकर स्थानीय विधि-व्यवस्था का जायजा लेंगे और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकें भी करेंगे। उन्होंने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित मासिक समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया कि सभी पुलिस अधिकारियों को तैयार रहना चाहिए।

बैठक में उपस्थित पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, विशेषकर पर्व-त्योहारों के दौरान सांप्रदायिक हिंसा और अन्य घटनाओं को रोकने के लिए जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई जानी चाहिए। डीजीपी ने कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को और अधिक सक्रिय रहना होगा।

इसके अलावा, डीजीपी ने हथियारों के प्रदर्शन, हर्ष फायरिंग, चेन स्नैचिंग, और बाइकर्स गैंग जैसे अपराधों पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को लूट, डकैती, रंगदारी, और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने का भी टास्क सौंपा। उनका मानना है कि पेशेवर अपराधियों को सजा दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए, जिससे इन अपराधों में कमी लाई जा सके।

साइबर अपराध, भू-माफिया, शराब और बालू माफिया जैसे संगठित अपराधों पर भी कड़ी नजर रखने की बात कही गई। डीजीपी ने इन सभी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया, ताकि लोगों में सुरक्षा का विश्वास बना रहे।

डीजीपी आलोक राज ने यह भी कहा कि पुलिस की छवि को सुधारने के लिए जरूरी है कि वे जनता के साथ संवाद स्थापित करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें। इसके लिए, उन्होंने पुलिस अधिकारियों से अपील की कि वे नागरिकों के प्रति संवेदनशीलता और तत्परता दिखाएं।

यह कदम स्पष्ट रूप से बिहार में कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। डीजीपी की इस सक्रियता से यह उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य में अपराध की घटनाओं में कमी आएगी और जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा।

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