नीलगाय और जंगली सूअरों के खिलाफ पांच जिलों में विशेष अभियान शुरू

बिहार सरकार ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के पांच जिलों में नीलगाय और जंगली सूअरों को नियंत्रित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने की घोषणा की। यह निर्णय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में लिया गया, जिसमें विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। नीलगाय और जंगली सूअर, दोनों ही जानवर, कृषि फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे किसानों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ता है।
यह अभियान वैशाली, पूर्वी चंपारण, बक्सर, सीवान और समस्तीपुर जिलों में शुरू किया जाएगा, जो इन जानवरों से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र माने जाते हैं। इन जिलों में फसलों की बर्बादी की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि किसानों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान में “निर्धारित प्रक्रियाओं” का पालन किया जाएगा, ताकि कार्रवाई को सही तरीके से अंजाम दिया जा सके।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इन जिलों में प्रति बार 50 नीलगाय और जंगली सूअरों को मारने की अनुमति प्राप्त करेंगे। यह उपाय किसानों की फसल सुरक्षा के लिए आवश्यक समझा गया है, और इससे न केवल फसलों की रक्षा होगी, बल्कि इससे स्थानीय कृषि उत्पादकता में सुधार की भी संभावना है।
बैठक के दौरान मंत्री प्रेम कुमार ने अधिकारियों को इस अभियान की रणनीति और कार्यान्वयन की योजना बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने जोर दिया कि इसे सही तरीके से संचालित करना आवश्यक है, ताकि इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अभियान स्थानीय पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव न डाले।
किसानों ने इस निर्णय का स्वागत किया है, क्योंकि वे लंबे समय से इन जानवरों द्वारा फसलों को हुए नुकसान से परेशान थे। राज्य सरकार के इस कदम से उन्हें उम्मीद है कि उनकी फसलें सुरक्षित रहेंगी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यह अभियान किसानों के लिए एक आशा की किरण बनकर उभरा है, जिससे उन्हें फिर से अपनी मेहनत का उचित फल मिलने की संभावना दिख रही है।