एबीवीपी ने लगातार दिल्ली विश्वविद्यालय के संबंध में कई समस्याएं उठाई हैं, जैसे नए छात्रावासों का निर्माण, महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन के लिए वेंडिंग मशीनें लगाना, खेल सुविधाओं में सुधार, “एक कोर्स, एक शुल्क” की शुरूआत। नीति, और माइंडफुलनेस केंद्रों की स्थापना। निभाना भी शामिल है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव 2024 की तैयारियां जोरों पर हैं, और प्रमुख छात्र संगठनों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शुक्रवार को कहा कि चुनाव 27 सितंबर 2024 को आयोजित किए जाएंगे। इस बार एबीवीपी ने युवा और ऊर्जावान नेताओं को मैदान में उतारा है, जो छात्र राजनीति में बदलाव लाने का इरादा रखते हैं।
एबीवीपी के अध्यक्ष पद की दौड़ में ऋषभ चौधरी का नाम प्रमुखता से उभरकर सामने आया है। वे संगठन में लंबे समय से सक्रिय हैं और छात्रों के मुद्दों को उठाने में उनकी गहरी रुचि है। उपाध्यक्ष पद के लिए भानु प्रताप सिंह, सचिव के लिए मित्रविंदा कर्णवाल और संयुक्त सचिव के लिए अमन कपासिया का नाम रखा गया है। ये सभी युवा नेता अपने-अपने क्षेत्रों में पहचान बना चुके हैं और छात्रों के बीच लोकप्रियता भी प्राप्त कर चुके हैं।
इन नेताओं का चयन संगठन की रणनीतिक योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य छात्रों की समस्याओं का समाधान करना और उनके हितों की रक्षा करना है। एबीवीपी ने यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि उनका चुनावी प्रचार छात्रों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाए, जैसे कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रावास सुविधाएं, और करियर संबंधी अवसर।
इस बार के चुनाव न केवल छात्र राजनीति के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने का भी एक अवसर है। एबीवीपी और अन्य छात्र संगठनों के बीच मुकाबला तीव्र होने की उम्मीद है, जिससे छात्रों में जागरूकता और सक्रियता बढ़ेगी। इससे दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों की आवाज़ को और मजबूती मिलेगी।