जयप्रकाश के विवादित बयान पर 5 गांवों का बड़ा फैसला: कलायत हलके में नई राजनीति की शुरुआत

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महिलाओं पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। महिला आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है, और कलायत हलके के पांच गांवों ने जयप्रकाश का चुनावी बहिष्कार करने का फैसला किया है।

रविवार को कलायत के सेरधा गांव में ढुल गोत्र की महापंचायत में गांव हरसोला, बड़सीकरी, फरीबाद, सेरधा, और हरसोला खेड़ी के लोगों ने हिस्सा लिया। पंचायत ने जयप्रकाश के बेटे विकास सहारा को वोट न देने का निर्णय लिया और अनीता ढुल बड़सीकरी को समर्थन देने का ऐलान किया।

वहीं दूसरी ओर, खाप पंचायतों ने जयप्रकाश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अखिल भारतीय ढुल खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरपाल सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता इंद्र सिंह पाई और महासचिव मास्टर धर्म सिंह भाणा ने जयप्रकाश की टिप्पणी पर गहरी नाराजगी जताते हुए उनसे सार्वजनिक माफी की मांग की है। खाप पंचायतों ने चेतावनी दी है कि अगर जयप्रकाश माफी नहीं मांगते हैं, तो उनका गांवों में प्रवेश मुश्किल कर दिया जाएगा और कड़े विरोध का आयोजन किया जाएगा। खापों का यह विरोध राजनीतिक माहौल को गरमा रहा है और कांग्रेस के लिए समस्याएँ बढ़ा रहा है। जयप्रकाश की हालिया टिप्पणी—”अगर लिपस्टिक और पाउडर लगाने से वोट मिलते हैं, तो मैं भी लगा लूंगा, मुझे दाढ़ी रखने की क्या जरूरत है”—को समाज की महिलाओं की गरिमा के खिलाफ माना जा रहा है और इसने राजनीतिक व सामाजिक स्तर पर हंगामा मचा दिया है।

कलायत हलके के इन पांच गांवों में ढुल गोत्र के लगभग 22 हजार वोट बताए जा रहे हैं। चुनावी बहिष्कार के कारण जयप्रकाश के बेटे विकास सहारा को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। 22 हजार वोटों का बहिष्कार विकास सहारा के चुनावी समीकरण को बिगाड़ सकता है, जबकि जिन कैंडिडेट को समर्थन दिया गया है, उसे इसका लाभ मिल सकता है। कलायत विधानसभा क्षेत्र में ढुल गोत्र के वोटर्स का प्रभाव महत्वपूर्ण है। जयप्रकाश, कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते हैं और उनका राजनीतिक रसूख काफी बड़ा है, लेकिन इस विवाद के बाद कांग्रेस का चुनावी अभियान चुनौतीपूर्ण हो गया है। खाप पंचायतों की नाराजगी और विरोध से जयप्रकाश और उनके बेटे विकास के चुनावी समीकरणों पर असर पड़ सकता है।

इस विवाद के बाद विपक्षी दलों ने जयप्रकाश पर हमले तेज कर दिए हैं। महिलाओं के सम्मान के मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने उनकी कड़ी आलोचना की है और कांग्रेस पार्टी से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि महिलाओं का इस तरह से अपमान किसी भी समाज में अस्वीकार्य है और जयप्रकाश को तुरंत अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।

जयप्रकाश की टिप्पणी पर खापों का विरोध और राजनीतिक दलों की आलोचना के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि जयप्रकाश और कांग्रेस पार्टी इस स्थिति को कैसे संभालते हैं। क्या जयप्रकाश सार्वजनिक माफी मांगेंगे या इस विरोध का सामना करेंगे, यह आगामी चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकता है।

 

 

 

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