दिल्ली सरकार का GST पर विरोध: आतिशी ने बीजेपी को घेरा, रिसर्च ग्रांट्स पर टैक्स का विरोध तेज

दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने घोषणा की कि दिल्ली सरकार GST काउंसिल की बैठक में रिसर्च ग्रांट पर GST लगाने का कड़ा विरोध करेगी। रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने बताया कि बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने अगस्त में देश के 6 प्रमुख शिक्षण संस्थानों को 220 करोड़ रुपये का GST नोटिस भेजा है। उन्होंने कहा कि विश्व के किसी भी देश में शैक्षणिक संस्थानों को मिलने वाली रिसर्च ग्रांट पर GST नहीं लगती, क्योंकि ये संस्थान रिसर्च को बिजनेस के रूप में नहीं, बल्कि देश की तरक्की में निवेश के रूप में देखते हैं।
दुनिया के सभी विकसित देश अपनी GDP का बड़ा हिस्सा रिसर्च में लगाते हैं, लेकिन शिक्षा विरोधी BJP के शासनकाल में पिछले 10 वर्षों में रिसर्च बजट 70,000 करोड़ से घटकर 35,000 करोड़ रह गया है, जो कि देश के कुल बजट का केवल 0.41% है।
आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार खुद रिसर्च के लिए फंड नहीं दे रही, लेकिन शैक्षिक संस्थानों को प्राइवेट सेक्टर से मिलने वाले रिसर्च ग्रांट्स पर 18% GST की मांग कर रही है। दिल्ली सरकार आज होने वाली GST काउंसिल की 54वीं बैठक में इसका कड़ा विरोध करेगी और मांग करेगी कि रिसर्च ग्रांट्स पर लगाए गए GST को हटाया जाए और इन्हें GST के दायरे से बाहर किया जाए।
आतिशी ने बताया कि अगस्त में देश के 6 प्रमुख संस्थानों को 220 करोड़ रुपये के टैक्स देने का नोटिस भेजा गया था, जिनमें IIT दिल्ली और पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे बड़े शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि 2017 से लेकर अब तक इन यूनिवर्सिटीज को मिली रिसर्च ग्रांट्स पर GST देना पड़ेगा। यह पूरी तरह से गलत है, और दिल्ली सरकार इसका पुरजोर विरोध करती है।