दिल्ली: विशू के नाइट्रोजन गैस से सुसाइड पर सवाल, घरवालों से छिपाए थे क्या?

नाइट्रोजन गैस से सुसाइड पर सवाल
दिल्ली में नाइट्रोजन गैस से छात्र की आत्महत्या के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार, मृतक छात्र विशू सिंह ने अपने माता-पिता को बिना बताए लक्ष्मी नगर में एक पीजी में रहना शुरू कर दिया था। उसने अपने परिवार को झूठ बोला था कि वह कॉलेज के हॉस्टल में रह रहा है, जबकि उसने पीजी में आत्महत्या की।
लक्ष्मी नगर थाना क्षेत्र में एक छात्र ने प्लास्टिक बैग में नाइट्रोजन गैस भरकर चेहरे पर बांधकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान हरियाणा के चरखी दादरी के चोपना सांवर निवासी विशू सिंह के रूप में हुई है। इस मामले में आश्चर्यजनक बात यह है कि विशू के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, जिससे मामला जटिल हो गया है।
विशू ने अपने परिवार को बताया था कि वह द्वारका के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रह रहा है, जबकि वास्तव में वह लक्ष्मी नगर के एक पीजी में रह रहा था। उसने पीजी के कमरे की फोटो खींचकर माता-पिता को भेजी थी ताकि वे विश्वास कर सकें कि वह हॉस्टल में है। आत्महत्या के बाद विशू के पिता भवानी सिंह को इस सच्चाई का पता चला कि वह हॉस्टल छोड़कर पीजी में रह रहा था। परिजन और पुलिस इस बात से हैरान हैं कि विशू ने हॉस्टल क्यों छोड़ा और पीजी में क्यों रहने लगा।
फोन ने हॉस्टल की लोकेशन बताई
विशू के पिता भवानी सिंह भारतीय सेना के अधिकारी हैं और माता-पिता अपने बेटे की आत्महत्या से सदमे में हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि उसने झूठ क्यों बोला और आत्महत्या क्यों की। पिता का कहना है कि शायद वे बेटे के दर्द को समझने में असफल रहे, जिसके कारण उसने इतना बड़ा कदम उठाया। विशू आखिरी बार कांवड़ यात्रा की छुट्टी के दौरान घर आया था और 19 अगस्त को दिल्ली वापस चला गया था। पिता ने पुलिस को बताया कि बेटे की लाइव लोकेशन लगातार एनएलयू में दिख रही थी।
बेटे के फोन की जांच होनी चाहिए
विशू के पिता ने बेटे के आईफोन की लोकेशन अपने पास रखी थी। पुलिस को विशू के पीजी कमरे से एक आईफोन, एक आईपैड और एक कीपैड वाला फोन मिला। पिता ने मांग की है कि बेटे की मौत की पूरी जांच की जाए और पुलिस से विशू की पेमेंट हिस्ट्री, इंटरनेट सर्फिंग और सीडीआर की जांच की गुजारिश की है। पीजी मालिक कृष्णा सैनी ने पुलिस को बताया कि विशू ने 29 अगस्त को पीजी किराए पर लिया था और वह कुछ समय से बीमार भी था। छात्र ने हाल ही में द्वारका के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था।
पीजी मालिक ने क्या कहा?
पीजी मालिक ने बताया कि घटना की रात, बुधवार को, छात्र ने खाना खाने के बाद अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया था। जब बृहस्पतिवार शाम तक दरवाजा नहीं खोला गया, तो मालिक ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन छात्र ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मालिक ने इसके बाद वीशू के परिवार को सूचना दी, जिन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उनका बेटा यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में नहीं, बल्कि पीजी में रह रहा था। जब मालिक ने दरवाजा तोड़ा, तो छात्र बिस्तर पर पड़ा हुआ था, उसके चेहरे पर प्लास्टिक बैग बंधा हुआ था, जिसमें नाइट्रोजन गैस पाइप लगी हुई थी। कमरे का एसी भी चल रहा था। पुलिस का कहना है कि छात्र की मौत ज्यादा नाइट्रोजन गैस के शरीर में जाने के कारण हुई हो सकती है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।