J&K NEWS: पहले चरण के लिए 18 सितंबर को वोटिंग; भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अभी तक नही जारी किये घोषणापत्र, क्या है कारण?
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अभी तक घोषणापत्र जारी नहीं किया हैं। दोनों पार्टियां जनता से राय लेने के बावजूद अब तक लिखित वादे जारी नहीं कर सकीं हैं। बता दें कि पहले चरण के लिए 18 सितंबर को वोटिंग होनी है। वहीं क्षेत्रीय दल नेकां पीडीपी और अपनी पार्टी मतदाताओं के घोषणापत्र सामने रख चुकीं है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को है। सिर्फ 16 दिन शेष बचे हैं, किंतु भाजपा और कांग्रेस दोनों दल अब तक बिना घोषणा पत्र के चुनाव मैदान में हैं। जनता की राय लेने के बावजूद इन दोनों पार्टियों ने अब तक लिखित में अपने वादे जारी नहीं किए हैं। ये दोनों राष्ट्रीय पार्टियां हैं। उधर, क्षेत्रीय दल नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां), पीडीपी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी अपने घोषणा पत्र मतदाताओं के सामने रख चुकी हैं।
कांग्रेस प्रत्याशियों का भी नहीं कर सकी है चयन
जम्मू-कश्मीर में तीन चरण में चुनाव होने हैं। पहले चरण में 18 सितंबर, दूसरे चरण में 25 सितंबर और तीसरे चरण में एक अक्टूबर को मतदान होगा। चुनावी सरगर्मी पूरे तेवर ले चुकी है, किंतु चुनावी घोषणा पत्र जारी करने में कांग्रेस और भाजपा क्षेत्रीय दलों के सामने फिसड्डी रह गई हैं। जनता के ‘उद्धार’ का दम भरने वाली दोनों पार्टियों अब तक उससे लिखित में वादे तक नहीं कर पाई हैं। कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन में भी पीछे चल रही है। नेकां के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन कर चुकी कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में मुद्दों को शामिल करने को लेकर मतभेद भी हैं। पार्टी उन्हीं मुद्दों पर लोगों को गारंटी देना चाहती है जो पूरे करने में दिक्कत पेश न आए। इनमें बेरोजगारी को समाप्त करने के लिए किसी नीति व अस्थायी कर्मियों को स्थायी करने का वादा शामिल हैं। स्मार्ट मीटर के बाद बिजली बिल भी मुद्दा है।
जनता से लिए सुझाव अभी कांग्रेस कार्यालय में ही
विधानसभा चुनाव का घोषणा पत्र तैयार करने के लिए सबसे पहले कांग्रेस ने आम लोगों के सुझाव लेने का अभियान शुरू किया था। सुझाव तो ले लिए गए, लेकिन ये पार्टी कार्यालय से बाहर नहीं आ पाए हैं। कांग्रेस ने घोषणा पत्र के लिए चार सब कमेटियां बनाई थीं। इन कमेटियों ने समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के सुझाव लिए थे। जम्मू संभाग व कश्मीर के लिए बनी अलग कमेटियों ने जिला स्तर पर लोगों से बातचीत कर उनके मुद्दों व मसलों को सुना व लिखा था। इनमें युवा, महिलाएं, व्यापारी, उद्योग व अन्य वर्गों के प्रतिनिधि शामिल थे।
भाजपा में अभी मंथन ही चल रहा
कांग्रेस के बाद भाजपा ने अपना घोषणा पत्र बनाने के लिए आम लोगों के सुझाने लेने का अभियान चलाया था। चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने के लिए पार्टी की कई बैठकें हो चुकी हैं।
लोगों से सुझाव लिए गए हैं, लेकिन अभी तक इसे जारी नहीं किया गया है। कहा जा रहा है कि भाजपा अभी अपने घोषणापत्र पर मंथन कर रही है। पार्टी ऐसे मुद्दों को शामिल करना चाहती है जो पूरी तरह से जनहित से संबंधित हों।
विवादास्पद बनने वाले मुद्दे से बचना चाह रही कांग्रेस
नेकां के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस अपने घोषणापत्र में ऐसे मुद्दों से बचना चाह रही है जो विवादास्पद बन सकते हैं। नेकां ने अपने घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 व 35-ए की बहाली के लिए काम करने की बात कही है, लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे से किनारा कर चुकी है। कांग्रेस का मुख्य मुद्दा जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करवाने तक है।