JHARKHAND NEWS: ट्रांसजेंडर आमिर महतो बनी पहली ट्रांसजेंडर सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी, झारखंड में ट्रांसडेंडरों के लिए 29 अगस्त का दिन रहा खास

झारखंड में ट्रांसडेंडरों के लिए 29 अगस्त 2024 का दिन खास रहा। बिहार, कर्नाटक,पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु की तरह आज उन्हें अपने राज्य में भी सरकारी नौकरी का अवसर मिल गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) पद पर पहली ट्रांसजेंडर आमिर महतो को नियुक्ति पत्र दिया।



झारखंड में ट्रांसडेंडरों के लिए 29 अगस्त 2024 का दिन खास रहा। बिहार, कर्नाटक,पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु की तरह आज उन्हें अपने राज्य में भी सरकारी नौकरी का अवसर मिल गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) पद पर पहली ट्रांसजेंडर आमिर महतो को नियुक्ति पत्र दिया।

इसके पहले रेलवे और बैंकों में ट्रांसजेंडर को नौकरी मिलती रही है। 2014 में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन, फिर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2016 के बाद विभिन्न राज्यों ने अपने यहां लोकसेवाओं में ट्रांसजेंडर के लिए अवसर देना शुरू किया। इसी कड़ी में झारखंड में आमिर महतो को नौकरी मिली।

झारखंड में पिछले साल कोटे पर लगी थी मुहर

6 सितंबर 2023 को झारखंड कैबिनेट की बैठक में ट्रांसजेंडर को पिछड़े वर्गों की सूची में शामिल करने की मंजूरी दी गई। इसके तहत इन्हें थर्ड जेंडर घोषित कर सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में आरक्षण देने पर मुहर लगी। यह आरक्षण उन्हें पिछड़ा वर्ग के कोटे के तहत मिलेगा। राज्य में पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है।

माता-पिता के साथ रहने एम्स पटना छोड़ झारखंड आई

नियुक्ति पत्र लेने के बाद आमिर चहक उठी। उसने बताया कि वह काफी खुश हैं। खुशी नौकरी की नहीं, अपनों के नजदीक रहने की है। अब वह अपने माता पिता और भाइयों के नजदीक रहेंगी, जिसके प्रेम से वह महरूम थी। आमिर ने कहा कि वह एम्स, पटना में कार्यरत थीं। नौकरी तो वहां भी अनुबंध आधारित थी और यहां भी यही है। लेकिन यहां जो मिला है वह पटना में नहीं मिल सकता। आमिर ने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम के मनोहरपुर में उसका जन्म एक मामूली परिवार में हुआ है। उसके पिता जादूमनी महतो एक छोटे किसान हैं।

परिवार ने किया भरपूर सहयोग

परिवार में उसके एक बड़े भाई और एक छोटी बहन है। उसके ट्रांसजेंडर होने के बावजूद उसके परिवार ने उसका सहयोग किया। कहती है कि स्कूली शिक्षा मनोहरपुर में ही हुई। उसके बाद उसके पिता ने उसका दाखिला नर्सिंग कॉलेज, संबलपुर ओडिशा में करवा दिया। जहां से उसने नर्सिंग में बीएससी और एमएससी की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद निजी अस्पतालों में नौकरी करने के बाद एम्स पटना में उसकी नौकरी हो गई। वहां से वह झारखंड आ गई है।

ट्रांसजेंडर अधिकारों का संरक्षण बिल 2016

यह विधेयक ट्रांसजेंडरों से शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा, आवागमन का अधिकार और संपत्ति पर अधिकार संबंधी भेदभाव पर रोक लगाता है। साथ ही सामाजिक कल्याण के तहत आजीविका सहायता उका निर्देश देता है।

 

 

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