JHARKHAND NEWS: भुइयांडीह में स्वर्णरेखा नदी किनारे सरकारी जमीन पर बने 145 घरों को मिला नोटिस; जवाब नहीं देने की स्थिति में घर तोड़ने का आदेश जारी होगा

इस नोटिस के तामिल होने के बाद 15 दिन का समय सभी अतिक्रमणकारियों को जवाब देने के लिए दिया जाएगा। जवाब नहीं देने की स्थिति में घर तोड़ने का आदेश जारी होगा। जमीन सरकारी होने से किसी के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है।



झारखंड के जमशेदपुर की राजनीति में जिस मुद्दे को लेकर फिलहाल राजनीतिक बयानों के तीर दिन रात चलाये जा रहे, उससे इस मामले के प्रभावितों को कोई लाभ होता नहीं दिख रहा है। भुइयांडीह में स्वर्णरेखा नदी किनारे सरकारी जमीन पर घर बनाने वाले 145 लोगों को तीसरा और फाइनल नोटिस जल्द मिलने वाला है। इसकी तैयारी हो चुकी है।

जवाब नहीं देने पर बुलडोजर ऐक्शन की तैयारी

इस नोटिस के तामिल होने के बाद 15 दिन का समय सभी अतिक्रमणकारियों को जवाब देने के लिए दिया जाएगा। जवाब नहीं देने की स्थिति में घर तोड़ने का आदेश जारी होगा। जमीन सरकारी होने से किसी के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है। यह आदेश 2012 के बाद हुए निर्माण पर लागू होगा। अतिक्रमण हटाने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन को कार्रवाई का आदेश दिया था।

साथ ही उसने दलमा के इको सेंसेटिव जोन में घर, स्कूल, कॉलेज, फैक्ट्री, स्टोन क्रशर, ईंट भह्वा और अन्य निर्माण को भी गंभीरता से लिया और उसके खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया है। इसकी वजह से इसके दायरे में सरायकेला जिला भी आ गया। इन दोनों आदेश के आलोक में पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिला प्रशासन ने संयुक्त टीम बनाकर दलमा इको सेंसेटिव जोन और स्वर्णरेखा नदी किनारे किए गये अतिक्रमण का सर्वे कराया। इसी सर्वे के आधार पर जहां दलमा इको सेंसेटिव जोन के करीब एक हजार लोगों को नोटिस दिया गया है, वहीं जमशेदपुर अंचल ने 145 जबकि मानगो अंचल ने 16 लोगों को जेपीएलई के तहत नोटिस किया है।

मानगो के 16 के मामले में तोड़ने का आदेश हो रहा तैयार

जमशेदपुर अंचल जहां तीसरे नोटिस की तैयारी में जुटा है, वहीं मानगो अंचल ने तीसरे नोटिस की कार्रवाई पूरी कर ली है और अब वह अंतिम कार्रवाई का आदेश तैयार करने में जुट गया है। इसके तहत वार्ड आठ के तीन और 10 के 13 लोगों को घर तोड़ने का आदेश जारी करेगा।

 

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