राम मंदिर निर्माण का लक्ष्य अब जून, महाकुंभ के कारण कार्य में देरी
महाकुंभ स्नान के बाद लाखों श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं, जिससे मंदिर निर्माण का काम प्रभावित हुआ है। इस देरी को पूरा करने और समय पर निर्माण कार्य को पूरा करने के उद्देश्य से मंदिर निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें नृपेंद्र मिश्र ने ट्रस्ट के सदस्यों और तकनीकी अधिकारियों के साथ मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने पर मंथन किया।
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि महाकुंभ के कारण रोज़ाना करीब चार लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं, जिसके चलते 25 दिनों तक कई निर्माण कार्यों को रोकना पड़ा। अब मुख्य मंदिर, परकोटा और अन्य भवनों के निर्माण कार्य की समय सीमा बढ़ा दी गई है। पहले मंदिर निर्माण का लक्ष्य मार्च 2025 तक रखा गया था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर जून 2025 कर दिया गया है। परकोटा का निर्माण कार्य सितंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है।
मंदिर निर्माण समिति की बैठक में तय किया गया कि निर्माण कार्य तेजी से हो और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। रामनवमी तक अधिकांश प्रमुख सुविधाएं पूरी कर ली जाएंगी, जिससे श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के रामलला के दर्शन कर सकें।
हनुमानजी के मंदिर के शिखर का निर्माण विधिवत पूजा-पाठ के साथ शुरू किया गया है। श्रद्धालुओं की निरंतर उपस्थिति के कारण निर्माण कार्य चुनौतीपूर्ण हो गया है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि निर्माण कार्य बिना बाधा के जारी रहे।
श्रद्धालुओं की सुविधाएं बढ़ाने के लिए यात्री सुविधा केंद्र में नई व्यवस्थाएं की जाएंगी और राम मंदिर के दक्षिणी मार्ग पर निकासी के लिए एक से अधिक मार्ग बनाए जाएंगे। रामनवमी के दौरान आने वाली भीड़ को देखते हुए धूप से बचाव और शुद्ध पेयजल की विशेष व्यवस्था की जाएगी। सुग्रीव किला तक शुद्ध पेयजल की सुविधा देने का निर्णय लिया गया है।
राम मंदिर के प्रवेश द्वारों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और संत महात्माओं के नाम पर इनका नामकरण किया जाएगा।
तुलसीदास की प्रतिमा जयपुर में बनकर तैयार हो गई है और जल्द ही इसे मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा। राम दरबार की मूर्तियां भी अगले महीने तक तैयार हो जाएंगी।