Indore में स्थित गोपाल मंदिर: 193 वर्ष पुराने गोपाल मंदिर की नालियां शादी के बाद जूठन से चोक हो गईं..। सुबह गंदगी में आरती
देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के प्राचीन गोपाल मंदिर में शादी की अनुमति देने का मामला गर्माता जा रहा है। अब प्रशासन एक्शन में है। अनुमति देने वालों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। गोपाल मंदिर के प्रबंधन का कार्य संभागायुक्त कार्यालय के अधीन आने वाले धर्मस्थ विभाग द्वारा किया जाता है।
अधिकारी और मंदिर के मैनेजर को माफी मांगनी पड़ी कि वे प्राचीन गोपाल मंदिर में शादी करने की अनुमति दें। मंदिर के मैनेजर केएल कौशल की सेवाएं समाप्त कर दी गईं और आयोजन के बाद संभागायुक्त दीपक सिंह ने माफी अधिकारी विनोद राठौर को हटा दिया।
आयोजन के दूसरे दिन सोमवार को नगर निगम ने मंदिर की सफाई की। परिसर से तीन ट्राली कचरा निकाला गया। सुबह से दोपहर तक सफाई की गई। पूरे क्षेत्र में जूठन पड़ा था, जो मंदिर की नालियों तक चोक कर गया था।
पूरा मंदिर मैरिज गार्डन था
- इंदौर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक गोपाल मंदिर है, जिसका प्रबंधन संभागायुक्त कार्यालय के तहत कार्यरत धर्मस्थ विभाग करता है। नियमों को देखते हुए माफी अधिकारी ने 12 जनवरी को मंदिर में शादी करने की अनुमति दी।
- 29 जुलाई को आयोजकों ने 25,551 रुपये भी जमा कर दिए। विवाह कार्यक्रम की तैयारियां दो दिन तक जारी रहीं, लेकिन यह नहीं रुका। पूरे मंदिर को आयोजकों ने मैरिज गार्डन बनाया।
- किसी ने खाना बनाने, मंदिर को फूलों से सजाने और भोजन की आलीशान व्यवस्थाओं को नहीं रोका। आयोजन के बाद पूरे परिसर में गंदगी थी, जिसे सोमवार को नगर निगम ने सफाई कर हटाया।
- मंदिर में सुबह की आरती अधूरी होनी पड़ी। मंदिर के पुजारी ने बताया कि सुबह गर्भगृह के सामने झाडू लगाकर आरती की गई। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि मंदिर के लिए व्यापक गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर गौरव बैनल ने जांच शुरू कर मंदिर के पुजारी, प्रबंधक और आयोजक के बयान लिए, जिसमें अधिकारियों की लापरवाही सामने आई। वहीं माफी अधिकारी विनोद राठौर से रिपोर्ट की गई। इसके आधार पर रिपोर्ट बनाई गई, जो कलेक्टर द्वारा संभागायुक्त को भेजी गई।
परीक्षण में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और काम के प्रति उदासीनता सामने आई। मंदिर में अमुमन विवाह और अन्य कार्यक्रमों के लिए पांच सौ और हजार रुपये की रसीद काटी जाती है और सामान्य फेरों का आयोजन किया जाता था।
इसके अलावा, विवाह समारोह के आयोजन के लिए सौ गुणा अधिक एक लाख 551 रुपये जुटाए गए। यही कारण था कि प्रशासनिक अधिकारियों को पहले से ही पता था कि एक बड़ा आयोजन होने वाला था। 10 जनवरी से मंदिर में सफाई और सजाने से लेकर खाना बनाने की तैयारी शुरू हो गई, लेकिन इसे रोका नहीं गया।