महाकुंभ: कैलाशानंद के रथ पर सवार होकर संगम में अमृत स्नान करने पहुंचीं लॉरेन पॉवेल, केसरिया परिधान में आईं नजर

एप्पल की मालकिन लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने महाकुंभ में कल्पवास की शुरुआत की है। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद सरस्वती ने उन्हें नया नाम “कमला” दिया है। कमला ने पौष पूर्णिमा के अवसर पर संगम में पहली डुबकी लगाकर अपना कल्पवास आरंभ किया।
सनातन परंपरा में कल्पवास
लॉरेन पॉवेल जॉब्स, जिन्हें अब कमला के नाम से जाना जाएगा, सेक्टर-18 में कैलाशानंद सरस्वती के शिविर में ठहरकर सनातन परंपरा का पालन करेंगी। तीन दिनों तक कल्पवास करने के बाद वह 15 जनवरी को वापस लौटेंगी। महाकुंभ में उन्होंने मकर संक्रांति पर शाही स्नान में हिस्सा लिया। स्वामी कैलाशानंद के साथ रत्न जड़ित रथ पर सवार होकर वह संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचीं। भगवा वस्त्रों में उन्हें देखकर मीडिया भी चकित रह गई।
भारतीय संस्कृति और अध्यात्म से परिचय
महाकुंभ के दौरान कमला सादगी से जीवन बिताते हुए भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता से जुड़ेंगी। वह कैलाशानंद गिरि के शिविर में रहकर शिव तत्व को समझने और सनातन परंपरा के गहरे अर्थ को जानने का प्रयास करेंगी। आधुनिक सुविधाओं से लैस कॉटेज में ठहरकर वह संतों और महात्माओं के साथ समय बिताएंगी।
महायज्ञ की मुख्य यजमान
लॉरेन पॉवेल “कमला” कैलाशानंद के शिविर में आयोजित महायज्ञ की मुख्य यजमान बनेंगी। उन्होंने दो सप्ताह तक संगम की पवित्र रेत पर रहकर कल्पवास करने का संकल्प लिया है।
गुरु का स्नेह और मार्गदर्शन
स्वामी कैलाशानंद ने कहा, “लॉरेन हमारी शिष्या हैं और हम उन्हें बेटी जैसा स्नेह देते हैं। महाकुंभ में वह संतों के सानिध्य में अध्यात्म का मार्ग समझेंगी और सनातन परंपरा से जुड़ेंगी।”
महाकुंभ में उनका यह कदम भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर ले जाने का प्रतीक बनता है।