बिहार पुलिस: पुलिस अधिकारी के विदाई कार्यक्रम में बालू माफिया की मौजूदगी

पुलिस और अपराधियों के बीच इस प्रकार के गठजोड़ से जनता में बढ़ती नाराजगी एक गंभीर मुद्दा बन गया है। भागलपुर में पुलिस और बालू माफिया के एक साथ दिखने से यह मामला और भी गहरा गया है। सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें जगदीशपुर थाने में तैनात प्रशिक्षु डीएसपी विशाल आनंद की विदाई समारोह में बालू माफिया के सदस्य शामिल हुए थे। यह समारोह थाने के परिसर में आयोजित किया गया था, जहां बालू चोरी और अन्य आपराधिक मामलों के आरोपी हीरा यादव और पंकज यादव खुलेआम उपस्थित थे।
माफिया संग मंच साझा और तस्वीरें खिंचवाईं
इस आयोजन के दौरान हीरा यादव ने न केवल डीएसपी के साथ मंच साझा किया, बल्कि उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। इन तस्वीरों और वीडियो के वायरल होने से पुलिस के कार्यशैली और माफिया के साथ उनके संबंधों पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
डीजीपी ने दिए जांच के आदेश
सोशल मीडिया पर यह तस्वीरें वायरल होने के बाद मामला बिहार के डीजीपी विनय कुमार के संज्ञान में आया। उन्होंने तुरंत भागलपुर के एसएसपी हृदयकांत को मामले की जांच के आदेश दिए। एसएसपी ने बताया कि पूरे प्रकरण की गहन जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरोपियों पर दर्ज हैं कई गंभीर मामले
हीरा यादव और पंकज यादव पर बालू के अवैध खनन, पुलिस पर हमले और अन्य गंभीर मामलों के कई आरोप हैं। इनमें प्रमुख रूप से जगदीशपुर थाने में दर्ज मामले शामिल हैं:
1. कांड संख्या – 223/2023
2. कांड संख्या – 150/2020
3. कांड संख्या – 364/2022
4. कांड संख्या – 422/2023
जमानत पर बाहर, फिर भी पुलिस समारोह में शामिल
इन दोनों आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोप होने के बावजूद वे प्रशिक्षु डीएसपी के विदाई समारोह में शामिल हुए। यह सवाल उठता है कि क्या यह पुलिस और माफिया के बीच किसी बड़े गठजोड़ का संकेत है? आशंका जताई जा रही है कि इन आरोपियों का पुलिस से पहले से कोई संबंध रहा होगा।
पुलिस और कानून व्यवस्था पर सवाल
यह घटना पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है। इसने समाज में बढ़ती चिंता को और बढ़ा दिया है, क्योंकि लोग अब यह मानने लगे हैं कि पुलिस और अपराधियों के बीच रिश्ते हो सकते हैं। जनता का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि कानून व्यवस्था में विश्वास बना रहे।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और बालू माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो पाती है या नहीं।