मासूम बेटी की “पापा जागो न” की चीत्कार सुन कांप गया कलेजा, कमांडेंट सौरभ की विदाई

पोरबंदर में हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए इंडियन कोस्टगार्ड के कमांडेंट सौरभ यादव (42) का पार्थिव शरीर मंगलवार को तिरंगे में लपेटकर प्रयागराज लाया गया। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े और हर आंख नम हो गई। कोस्टगार्ड की नौ सदस्यीय टीम ने पार्थिव शरीर को फ्लाइट से बमरौली एयरपोर्ट पहुंचाया, जहां से सेना के वाहन में रखा गया और घर पहुंचाया गया। यहां परिजनों और सैन्य अधिकारियों ने शहीद को राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी और पुष्पांजलि अर्पित की।
शहीद की अंतिम यात्रा में कोस्टगार्ड, सेना और एयरफोर्स के जवान भारत माता के जयकारे लगाते हुए साथ चल रहे थे। शहीद के परिवार में गहरा शोक था, खासकर उसकी छोटी बेटी टीका की चीत्कार सुनकर सभी की आंखें भर आईं। शहीद की पत्नी वासिता तिरंगे में लिपटे अपने पति के पार्थिव शरीर को निहारती रही। भाई अंकुश और अन्य परिजनों ने शहीद को अंतिम विदाई देने के दौरान आंसू रोकने की कोशिश की, लेकिन उनकी भावनाओं पर काबू पाना मुश्किल था।
शहीद के परिवार वालों ने बताया कि सौरभ ने आखिरी बार नवंबर में घर आकर भाई की शादी में हिस्सा लिया था और जाते वक्त कहा था कि जल्द वापस आएंगे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। पार्थिव शरीर को रसूलाबाद घाट ले जाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए आसपास के लोग और रिश्तेदार भी पहुंचे।
इस दौरान मेयर गणेश केशरवानी भी वहां पहुंचे और सौरभ के बलिदान को सलाम किया, हालांकि अन्य कोई विधायक और अफसर वहां नहीं पहुंचे। शहीद के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए मेयर ने कहा कि सौरभ का बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।