इंदौर: सॉफ्टवेयर इंजीनियर की आत्महत्या के बाद झूठे मामलों के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन

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इंदौर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष मोदी की आत्महत्या के बाद पुरुष अधिकारों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए ‘पौरुष’ संस्था द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। अतुल मोदी ने अपनी पत्नी और न्यायिक प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या की थी, और इस मामले में आरोपियों को जमानत दिए जाने को लेकर प्रदर्शनकारियों ने न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाए। प्रदर्शन में महिलाओं सहित कई लोग शामिल हुए, और पुरुषों के अधिकारों की रक्षा की मांग की गई।

 

संस्था के अध्यक्ष अशोक दशोरा ने कहा कि इस गंभीर मामले में जमानत का अधिकार केवल उच्च न्यायालय को होना चाहिए, न कि जिला न्यायालय को। उन्होंने यह भी कहा कि अतुल मोदी के मृत्यु पूर्व कथन के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं किया गया, जो न्यायिक प्रक्रिया में खामी को दर्शाता है। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां और बैनर्स लेकर नारे लगाए, जो महिलाओं के द्वारा झूठे मामलों के दुरुपयोग के खिलाफ थे। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के खिलाफ झूठे आरोपों की बढ़ती संख्या आत्महत्या की घटनाओं को बढ़ा सकती है।

 

प्रदर्शन में समाजसेवी नीलम चावला ने भी अपनी आवाज उठाई और सत्य की लड़ाई में ‘पौरुष’ संस्था का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह संस्था समान कानून की मांग कर रही है, जो पुरुषों के साथ न्याय सुनिश्चित कर सके। अतुल मोदी के 59 मिनट के वीडियो और 24 पन्नों के पत्र में उसकी मानसिक पीड़ा का उल्लेख था, जो यह साबित करता है कि उसने गंभीर यातनाएँ झेली थीं।

 

अशोक दशोरा और अन्य समर्थकों ने चेतावनी दी कि यदि समानता का कानून पुरुषों के लिए शीघ्र नहीं बनाया गया, तो आत्महत्या की घटनाएँ हत्या में बदल सकती हैं। इस मुद्दे पर महिलाओं को भी सोचना चाहिए कि झूठे मामलों का समाज पर कितना खतरनाक असर हो सकता है।

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