ठंड में बच्चों के साथ काले कपड़ों में बैठे भोपाल के संविदा कर्मचारी, विरोध प्रदर्शन जारी

कुक्कुट विकास निगम के संविदा कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि और संविदा नीति लागू करने की अपनी मांग को लेकर तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा। प्रदर्शनकारियों ने काले कपड़े पहने और हाथों में स्लोगन लिए, अपने छोटे-छोटे बच्चों और परिवारों के साथ निगम मुख्यालय (वैशाली नगर, भोपाल) के सामने विरोध दर्ज किया। कड़ाके की ठंड और कठिन परिस्थितियों के बावजूद कर्मचारियों की लड़ाई जारी रही। उनका कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो चुकी है, और बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। इसके कारण परिवारों को दैनिक जीवन चलाने में भी कठिनाई हो रही है।
कर्मचारी संघ के एक सदस्य ने कहा कि उनके छोटे-छोटे बच्चे सर्द मौसम में उनके साथ बैठकर इस संघर्ष का हिस्सा बन रहे हैं। यह संघर्ष केवल उनके लिए नहीं है, बल्कि उनके बच्चों और परिवारों के भविष्य के लिए भी है। उन्होंने प्रशासन से निवेदन किया कि उनकी आवाज़ को जनता और प्रशासन तक पहुंचाने में मदद की जाए।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें हैं: सबसे पहले, वेतन वृद्धि आदेश को लागू किया जाए, जो 19 जुलाई 2024 की बोर्ड बैठक में लिया गया था और अब तक लंबित है। दूसरी मांग यह है कि संविदा नीति लागू की जाए, जिससे सभी संविदा कर्मचारियों को स्थायित्व और वित्तीय सुरक्षा मिल सके। तीसरी मांग यह है कि कर्मचारियों का छह महीने का बकाया वेतन तुरंत जारी किया जाए।
प्रदर्शन का प्रभाव यह हुआ है कि सेंट्रल सीमेन स्टेशन और अन्य इकाइयों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे निगम को करोड़ों का आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा, पशुपालन सेवाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। कर्मचारियों ने कहा कि उनका संघर्ष न केवल उनकी मांगों के लिए है, बल्कि यह उनके बच्चों के भविष्य के लिए भी है।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी स्तर पर और भी उग्र रूप ले सकता है। महासंघ ने कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती। कर्मचारियों ने यह भी कहा कि यह संघर्ष केवल उनके वेतन और नीति के लिए नहीं है, बल्कि यह उनके बच्चों के भविष्य का सवाल है और वे अपनी अंतिम सांस तक इस संघर्ष को जारी रखेंगे।