यूपी विधानमंडल सत्र की शुरुआत में हंगामा, सपा के धरने के बाद सत्र एक घंटे के लिए स्थगित

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया, और जैसा कि उम्मीद की जा रही थी, पहले दिन का सत्र हंगामेदार साबित हुआ। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं ने विधानसभा में नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों और विधायकों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि वे सत्र के दौरान पूरी तैयारी के साथ सदन में आएं। उन्होंने कहा था कि विपक्ष की ओर से उठाए गए हर मुद्दे का तथ्यों के साथ जवाब दिया जाए।
सपा के सदस्यों ने सदन के भीतर हंगामा किया और वेल में धरने पर बैठ गए। उनकी नारेबाजी और हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें समझाने की कोशिश की। अध्यक्ष ने कहा कि यह उनका तीसरा कार्यकाल है, और पहली बार ऐसा हुआ है कि सदन को स्थगित करना पड़ा है। लेकिन विपक्ष के सदस्य शांत नहीं हुए, जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। अध्यक्ष ने कड़े शब्दों में कहा कि विपक्ष के पास सवाल नहीं हैं, बल्कि वे सिर्फ हंगामा करने के लिए आए हैं।
इस बीच, सत्र में प्रश्न पूछने का दौर भी शुरू हुआ, लेकिन विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते रहे और सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालते रहे। अध्यक्ष ने बार-बार कहा कि वे सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष शांत नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह सत्र यूपी के लिए एक अत्यंत गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” अभियान में यूपी की भूमिका महत्वपूर्ण है और राज्य लगातार विकास, सुरक्षा और समृद्धि में वृद्धि कर रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी के विकास में विधानमंडल का योगदान अहम है और इस सत्र के दौरान अनुपूरक बजट समेत कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य प्रस्तावित हैं।
सीएम ने सभी सदस्यों से अपील की कि वे जनता और विकास से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा करें और प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहयोग करें। सत्र के पहले दिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में विधानमंडल दल की बैठक भी हुई, जिसमें विपक्षी हमलों से निपटने की रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे, और सभी विधायकों और मंत्रियों को पूरी तैयारी के साथ सदन में आने के निर्देश दिए गए।