Nainital: जिले के विभिन्न निकायों में महिलाओं की कितनी होगी भागीदारी, जानें पूरी जानकारी

नैनीताल जिले में अब महिलाओं को 45 वार्डों में प्रतिनिधित्व का मौका मिलेगा। लंबे समय से पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को कम आंका जाता रहा है, लेकिन अब महिलाओं को राजनीति में अपनी भूमिका को सशक्त बनाने के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। रविवार को डीएम ने जिले के सात निकायों के वार्डवार आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी की। इस फैसले से यह साफ हो गया कि अब जिले के सात निकायों में 45 सीटों पर महिलाएं चुनाव लड़ेंगी। यह कदम महिलाओं को न सिर्फ घर की जिम्मेदारियां निभाने का, बल्कि स्थानीय सरकार में भी अपनी भूमिका निभाने का मौका देगा। महिला प्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद अपने-अपने वार्डों में प्राथमिकताएं तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी।आरक्षण की घोषणा के बाद महिला उम्मीदवारों के नाम सोशल मीडिया पर सामने आने लगे हैं। खासतौर पर वे पुरुष जिन्होंने लंबे समय से चुनावी तैयारियां की थीं, लेकिन महिला सीट आरक्षित होने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है।
निकायों में महिलाओं की भागीदारी:नगर निगम हल्द्वानी: 60 वार्डों में से 21 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं।
नगर पालिका परिषद भवाली: सात सीटों में से दो सामान्य महिला, एक अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित हुई हैं।
नगर पालिका परिषद नैनीताल: 15 सीटों में से दो सामान्य महिला, दो अनुसूचित जाति और एक महिला पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई हैं।नगर पालिका रामनगर: 20 सीटों में से चार सामान्य महिला, एक अनुसूचित जाति, और दो अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई हैं।नगर पालिका परिषद कालाढूंगी: सात सीटों में से एक सामान्य महिला, एक पिछड़ी जाति और एक अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हैं।नगर पालिका परिषद भीमताल: नौ सीटों में से दो सामान्य महिला और एक अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित की गई हैं।नगर पंचायत लालकुंआ: सात सीटों में से एक सामान्य महिला, एक अनुसूचित जाति और एक पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित हुई हैं।
महिलाओं की प्रतिक्रिया:
सविता कांडपाल, आरटीओ रोड: “महिलाओं को अब स्थानीय सरकार में प्रतिनिधित्व मिलेगा, इससे हमारी समस्याओं को ज्यादा गंभीरता से सुना जाएगा। हमें बराबरी का हक मिलना चाहिए।”गीता कांडपाल, जज फार्म: “महिलाओं को आरक्षण पहले मिल जाना चाहिए था। अब महिला प्रतिनिधि अपने वार्ड की समस्याओं का समाधान करेंगी, और इससे महिलाओं को राजनीतिक पहचान मिलनी चाहिए।”सुनीता बिष्ट, नवाबी रोड: “आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। अब वार्डों के साथ-साथ चेयरमैन और मेयर पदों पर भी महिलाओं के लिए आरक्षण होना चाहिए, क्योंकि नगर सरकार चुनने में आधी आबादी का योगदान होता है।”