अयोध्या में छह दिसंबर के लिए सुरक्षा बढ़ाई गई, मस्जिदों में कुरानख्वानी, हिंदू पक्ष का कार्यक्रम

अयोध्या में 6 दिसंबर को सुरक्षा के मद्देनजर सतर्कता बढ़ा दी गई है, खासकर राममंदिर परिसर की सुरक्षा को कड़ा किया गया है। इस दिन की ऐतिहासिक और संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने शहर भर में चौकसी बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री के अयोध्या दौरे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई थी। रामनगरी के सभी प्रमुख प्रवेश मार्गों पर सुरक्षा चेकिंग अभियान चलाया गया और जगह-जगह बैरियर लगाए गए थे, जिससे श्रद्धालुओं को थोड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
खुफिया एजेंसियों की ओर से शहर के होटलों, धर्मशालाओं और सराय में ठहरे बाहरी लोगों पर निगरानी रखी जा रही है। पुलिस ने मिश्रित इलाकों में गश्त बढ़ा दी है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। यह सब 6 दिसंबर के दिन की संवेदनशीलता को देखते हुए किया जा रहा है, जब मुस्लिम समाज द्वारा मस्जिदों में कुरानख्वानी की जाएगी और हिंदू संगठनों द्वारा भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
बृहस्पतिवार की शाम शहर के प्रवेश द्वारों पर एहतियातन सतर्कता बरती गई। टेढ़ी बाजार चौराहा, लता मंगेशकर चौक, बंधा तिराहा, उदया चौराहा सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा कड़ी की गई। यहां आने-जाने वाले वाहनों की तलाशी ली गई और जरूरत पड़ने पर लोगों के पहचान पत्र भी चेक किए गए। खुफिया पुलिस और सादी वर्दी में तैनात पुलिसकर्मियों ने होटल और धर्मशालाओं पर निगरानी रखी और बाहरी लोगों के पहचान पत्रों का सत्यापन कराया।
इसके अलावा, अयोध्या के बाहरी पटरी दुकानदारों का भी सत्यापन किया जा रहा है। प्रशासन ने बाहरी दुकानदारों को हटाने का भी प्रयास किया है। अयोध्या और अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशनों पर भी जीआरपी और आरपीएफ ने तलाशी अभियान चलाया। सीओ अयोध्या, आशुतोष तिवारी के निर्देशन में यह कार्रवाई की जा रही है, ताकि शहर की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि पहले से ही अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और इनका समय-समय पर जायजा लिया जाता है। एसपी सुरक्षा, बलरामाचारी दुबे ने कहा कि राममंदिर परिसर की सुरक्षा विशेष रूप से कड़ी की गई है। सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है, और पूरे मंदिर परिसर की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। इस तरह की व्यापक सुरक्षा और सतर्कता का उद्देश्य किसी भी अप्रिय घटना से बचना है और श्रद्धालुओं और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।