अमेठी में डीएपी के लिए केंद्र व समितियों पर लगी लंबी कतार, किसानों को हो रही परेशानी

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जिले में डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद, बिचौलियों ने किसानों की मजबूरी का फायदा उठाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। इफको केंद्र और साधन सहकारी समितियों पर डीएपी के लिए किसानों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं, और इन कतारों में कई ऐसे किसान भी हैं जो पड़ोसी जनपदों से आकर डीएपी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। यह हालात जायस के इफको केंद्र पर देखने को मिले, जहां रायबरेली जनपद के किसान भी डीएपी लेने पहुंचे थे, लेकिन केंद्र पर मौजूद अधिकारियों ने उन्हें मना कर दिया।

 

केंद्र पर उपस्थित किसानों ने बताया कि डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद, बिचौलियों ने कीमत बढ़ाकर किसानों को अत्यधिक परेशान करना शुरू कर दिया है। इन बिचौलियों ने खाद दिलाने के नाम पर सैटिंग-गेटिंग का काम शुरू कर दिया है, और किसानों से अतिरिक्त पैसे वसूलने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ केंद्रों पर तो यह स्थिति भी देखने को मिली कि किसानों को समय पर डीएपी नहीं मिल पा रही थी, जिससे उनकी बोआई में देरी हो रही थी और इससे उनकी उपज पर असर पड़ सकता था।

 

गोदाम के अंदर और बाहर मौजूद कुछ लोगों ने डीएपी दिलाने के नाम पर किसानों से तय समय पर आने की बात की। किसान अब्दुल अजीज, राजमोहन, बुधराम, और प्रेमा देवी ने बताया कि डीएपी तो आ गई है, लेकिन देर हो चुकी है, और इससे किसानों को उपज में फर्क पड़ सकता है। इस केंद्र के प्रभारी अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बिना खतौनी और आधार के खाद नहीं दी जा रही है, और एक किसान को दो बोरी से अधिक खाद नहीं दी जा रही है।

 

दूसरी ओर, जिले के अमेठी, महराजपुर, भीमी पश्चिम, खरगपुर, खेरौना और कोरारी जैसे कई इफको केंद्रों पर डीएपी की आपूर्ति नहीं हो पाई है, जिससे वहां आने वाले किसानों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। इन केंद्रों पर खाद की कमी होने के कारण किसान बिचौलियों के चक्कर में फंसने को मजबूर हो रहे हैं।

 

सहकारिता सहायक आयुक्त मित्रसेन वर्मा ने कहा कि जिले में पर्याप्त खाद उपलब्ध है और मांग के अनुसार इसे विभिन्न केंद्रों और समितियों पर भेजा जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दूसरे जनपदों के किसानों को डीएपी नहीं दी जाएगी और अगर बिचौलियों की गतिविधियों या धांधली की कोई शिकायत मिलती है, तो उसकी जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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