बिहार में महिला शिक्षकों की नौकरी अब होगी आसान, घर से दूर काम नहीं करना होगा

बिहार में महिला शिक्षकों के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। बिहार शिक्षा विभाग ने एक नई योजना तैयार की है, जिसके तहत जनवरी 2025 से शिक्षकों को उनके अपने जिले में ही प्रशिक्षण मिलेगा। अब तक शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए राज्य मुख्यालय या दूसरे जिलों में जाना पड़ता था, जिससे खासकर महिला शिक्षकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इस नई योजना के तहत, हर साल शिक्षकों को उनके स्थानांतरण जिले में प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे उन्हें घर से दूर जाने की समस्या से निजात मिलेगी।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। इस योजना का उद्देश्य शिक्षकों की क्षमता को बढ़ाना और उनकी शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार करना है। प्रशिक्षण का फोकस शिक्षकों के प्रदर्शन और छात्रों की लर्निंग आउटकम पर होगा। जिन स्कूलों का प्रदर्शन कमजोर होगा, उनके शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) भेजा जाएगा। इसके अलावा, बायोमेट्रिक प्रणाली के जरिए प्रशिक्षण की हाजिरी ली जाएगी, ताकि पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
इसके साथ ही, बिहार सरकार ने राज्य के सभी 149 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में नए पाठ्यक्रम शुरू करने का भी फैसला लिया है। इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के हिसाब से कौशल प्रशिक्षण देना है। श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इन पाठ्यक्रमों में उद्योगों और अन्य हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि युवाओं को रोजगार योग्य कौशल मिल सके। इसके साथ ही, ITI संस्थानों के सुधार के लिए विशेषज्ञों की एक समिति भी बनाई जाएगी, जो नए पाठ्यक्रम और संस्थानों की अवसंरचना में सुधार के लिए सुझाव देगी।