बाबा महाकाल को समर्पित 22 लाख की चांदी की पालकी, भिलाई के गुप्त भक्त का अद्भुत योगदान

महाकाल मंदिर को छत्तीसगढ़ के भक्त ने दान की रजत पालकी
उज्जैन के महाकाल मंदिर में छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी एक अनाम भक्त ने अनूठी भक्ति का परिचय देते हुए 20 किलो 600 ग्राम चांदी से निर्मित रजत पालकी दान की है। इस दान की कुल लागत लगभग 22 लाख रुपये आंकी गई है। भक्त ने अपनी पहचान जाहिर न करने की इच्छा जताई है। भगवान श्री महाकाल के पुरोहित, भावेश व्यास और लोकेश व्यास की प्रेरणा से इस भक्त ने यह रजत पालकी पूजन-अर्चन कर भेंट की।
पालकी की विशेषताएँ
यह विशेष रजत पालकी उज्जैन के ही सोनी परिवार के कारीगरों द्वारा 100 दिनों की मेहनत से तैयार की गई। पालकी का वजन 20 किलो 600 ग्राम चांदी से निर्मित है। इसमें सूर्य, चंद्रमा, कमल के फूल और स्वास्तिक की सुंदर नक्काशी की गई है। पालकी के अगले भाग में दो सिंहों का अनावरण किया गया है और इसे कमल के फूलों से सजाया गया है। इसकी सुंदरता और मजबूती का विशेष ध्यान रखा गया है।
पुजारी और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में पूजन
रविवार को इस रजत पालकी का विधिवत पूजन-अर्चन महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष और जिला कलेक्टर नीरज सिंह, मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़, और समिति के सहायक प्रशासक प्रतीक त्रिवेदी की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर महाकाल मंदिर समिति के कई अधिकारी और सदस्य मौजूद रहे।
भक्ति और कला का अद्भुत संगम
यह दान न केवल भक्त की श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि उज्जैन के कारीगरों की उत्कृष्ट कला का भी परिचय देता है। रजत पालकी जैसे अनमोल दान मंदिर की शोभा बढ़ाने के साथ भक्तों के समर्पण और आस्था को भी दर्शाते हैं।