संभल में जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर विवाद के बाद जुमे की नमाज पर हाई अलर्ट, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

संभल में जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर के विवाद को लेकर जुमे की नमाज के समय सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। मंगलवार को जिला न्यायालय में हिंदू पक्ष द्वारा एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि जामा मस्जिद के नीचे हरिहर मंदिर स्थित है। न्यायालय ने इस याचिका पर कार्रवाई करते हुए एक सर्वे करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद विवाद और अधिक बढ़ गया और जामा मस्जिद के संबंध में यह नया दावा शहर में चर्चा का विषय बन गया। इसके बाद से ही शहर में माहौल गर्म हो गया और लोगों के बीच आक्रोश फैलने लगा। इस आक्रोश के बीच सोशल मीडिया पर एक पत्र भी वायरल हुआ था, जिसमें जुमे की नमाज के दौरान जामा मस्जिद पर एकत्र होने का आह्वान किया गया था।
पत्र के वायरल होने के बाद प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए। इसके तहत पुलिस, पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी), आरआरएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) और मुरादाबाद व बरेली मंडल के कई थानों की पुलिस को संभल में तैनात किया गया। इसके अलावा, खुफिया विभाग के आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) और एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) की टीमें भी पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए थीं। प्रशासन ने इंटरनेट पर भी खास निगरानी रखी थी ताकि कोई अफवाह या भड़काऊ सामग्री वायरल न हो सके।
शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने सुबह से ही तैयारी शुरू कर दी थी। जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार भी सुबह ही संभल पहुंच गए थे और उन्होंने शहर का दौरा कर सुरक्षा बलों को ब्रीफ किया। साथ ही, शहर के प्रमुख चौराहों, जामा मस्जिद और उसके आसपास के इलाकों में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इन स्थानों पर पीएसी और आरआरएफ के जवान भी तैनात किए गए थे ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
प्रशासन की ओर से यह कदम सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए थे कि जुमे की नमाज के दौरान शांति और सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे। साथ ही, शहर के प्रमुख चौराहों और संवेदनशील स्थानों पर विशेष निगरानी रखी जा रही थी। पुलिस ने बताया कि सभी सुरक्षात्मक उपायों के बावजूद अगर कोई अप्रिय घटना होती है, तो प्रशासन इसे सख्ती से निपटेगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।