करोड़ों की लागत के बावजूद बांध पर टूटी बेंच, कांवड़ पटरी से सोलर लाइट्स चोरी

धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ मेला और कुंभ जैसे बड़े आयोजनों के दौरान करोड़ों रुपये की योजनाओं पर खर्च किए जाते हैं, लेकिन इन योजनाओं की देखरेख की कमी के कारण कई परियोजनाएं बेकार हो जाती हैं। इसका एक उदाहरण कांवड़ पटरी और उत्तरी हरिद्वार के बंधे पर लगाए गए बेंच और सोलर लाइट्स हैं, जो अब खराब हो चुकी हैं।भूपतवाला बंधे पर यात्रियों की सुविधा के लिए जो सीमेंट की बेंच लगाई गई थीं, वे अब टूटी पड़ी हैं। इस क्षेत्र में सोलर लाइट्स की भी व्यवस्था की गई थी, लेकिन चोरों ने उन्हें उखाड़ लिया। ऋषिकुल चौक से लेकर ज्वालापुर तक लगे सोलर पैनल्स, लाइट्स और बैटरी तक गायब हो चुकी हैं। इन सब चीजों पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन कांवड़ मेला समाप्त होते ही इनका अस्तित्व खत्म हो गया। नगर निगम ने कांवड़ पटरी से अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार अभियान चलाए, लेकिन इन सोलर पैनल्स और लाइट्स की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई। नतीजतन, कांवड़ पटरी पर अब अंधेरा रहता है, जिससे स्थानीय लोग सुबह और शाम के समय अपनी सैर के लिए जाते हैं तो उन्हें कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
भूपतवाला बंधे पर जो बेंचें लगाई गई थीं, वे अब टूट चुकी हैं, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है। इसके बारे में स्थानीय निवासियों ने हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को ज्ञापन भी सौंपा है और बंधे के सौंदर्यीकरण की मांग की है। भाजपा नेता विदित शर्मा ने भी इस मुद्दे को उठाया और कहा कि कुम्भ के दौरान बंधे का सौंदर्यीकरण किया गया था, लेकिन अब बेंचों की हालत ऐसी हो गई है कि उनकी कोई देखभाल नहीं की जा रही।कांवड़ पटरी पर अंधेरे का फायदा उठाकर अराजक तत्वों का कब्जा हो जाता है। स्थानीय वरिष्ठ नागरिक संगठन ने इस पर पुलिस से शिकायत की है, और आरोप लगाया है कि यहां नशा करने वाले युवा अक्सर दिखाई देते हैं। इससे महिलाओं और युवतियों को परेशानी होती है। पुलिस ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया है और कांवड़ पटरी पर छापेमारी करने की योजना बनाई है।इसके अलावा, नगर निगम द्वारा लगाए गए सोलर पैनल्स और लाइट्स की चोरी की जांच की जाएगी, और अगर यह नगर निगम द्वारा लगाए गए थे तो पुलिस से मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। कांवड़ पटरी पर अतिक्रमण हटाने के लिए फिर से अभियान चलाया जाएगा।