UP Paper Leak Case: ED की जांच में रवि की गर्लफ्रेंड और रिश्तेदारों तक पहुंचने की तैयारी।

IMG_1619

उत्तर प्रदेश पुलिस पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मास्टरमाइंड रवि अत्री और उसके साथी सुभाष प्रकाश को गिरफ्तार कर सात दिन की रिमांड पर लिया है। रवि अत्री, जो गौतमबुद्ध नगर के जेवर के नीमका गांव का निवासी है, इस पूरे घोटाले का मुख्य आरोपी है। जांच के दौरान यह सामने आया कि जेल में रहते हुए भी रवि ने अपनी महिला मित्र और रिश्तेदारों की मदद से पेपर लीक करने की गतिविधियां जारी रखीं। अब ईडी इनसे जुड़े हर पहलू की जांच कर रही है।

 

रवि अत्री का आपराधिक इतिहास लंबा है। एक समय वह डॉक्टर बनने के लिए नीट की तैयारी कर रहा था और इसी सिलसिले में कोटा गया। वहां, वह पेपर सॉल्वर गैंग के संपर्क में आया और धीरे-धीरे नकल माफिया बन गया। 2012 में प्री-मेडिकल टेस्ट और 2015 में एम्स पीजी परीक्षा के पेपर लीक मामलों में वह पहले ही जेल जा चुका है। इस बार, उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही नागरिक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने में उसकी भूमिका उजागर हुई है। जेल में रहते हुए भी उसने अपनी महिला मित्र और अन्य करीबी लोगों के जरिए यह काम जारी रखा।

 

ईडी की जांच से पता चला है कि रवि अत्री ने मथुरा, अलीगढ़, बुलंदशहर और नोएडा जैसे स्थानों पर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है। इनमें से कई संपत्तियां उसने अपने रिश्तेदारों और परिचितों के नाम पर खरीदी हैं। राजस्व विभाग ने पहले ही उसके परिवार की संपत्तियों का ब्योरा खंगाल लिया है। रवि के छोटे और बड़े भाइयों की शादी हो चुकी है, लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की है। ग्रामीणों के मुताबिक, वह अपनी महिला मित्र के साथ नोएडा में रहता था।

 

प्रवर्तन निदेशालय अब रवि के संपर्कों और उसकी संपत्ति के स्रोत की गहराई से जांच कर रहा है। ईडी ने रवि को मेरठ जेल से गिरफ्तार किया और प्रयागराज जेल से सुभाष को हिरासत में लिया। दोनों को लखनऊ स्थित सीबीआई और ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया। इस मामले ने न केवल परीक्षा प्रणाली में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार को उजागर किया है, बल्कि संगठित अपराध और काले धन के उपयोग की गंभीरता को भी रेखांकित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हो सकता है आप चूक गए हों