बिजली विभाग की बड़ी समस्या: यूपी के 67 लाख बकायेदार, 5000 करोड़ का बकाया

उत्तर प्रदेश में बिजली बिल जमा न करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 67 लाख से अधिक है, जिन पर बिजली विभाग का 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। इन उपभोक्ताओं से वसूली के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने सख्ती बरतने की योजना बनाई है। राज्य की पांच विद्युत वितरण कंपनियों में से सबसे ज्यादा बकाएदार पश्चिमांचल (33.17 लाख) और मध्यांचल (22.62 लाख) में हैं। पूर्वांचल में 2.71 लाख, दक्षिणांचल में 8.70 लाख, और केस्को में 19,740 उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने कभी बिजली का बिल जमा नहीं किया।
बिजली बिल जमा न करने के पीछे मुख्य कारणों में से एक है समय पर बिल उपलब्ध न होना। ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ताओं को साल में एक बार बिल मिलता है, जिससे भुगतान करना उनके लिए कठिन हो जाता है। एकमुश्त बड़ा बिल जमा करने की असमर्थता के कारण कई उपभोक्ता इसे जमा करने से बचते हैं।
समस्या के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सुझाव दिया है कि “नेवर पेड” उपभोक्ताओं के लिए **एकमुश्त समाधान योजना (OTS)** लागू की जानी चाहिए। इसमें बकाया बिल पर लगने वाले ब्याज को पूरी तरह माफ किया जाए और उपभोक्ताओं को किस्तों में बिल भुगतान की सुविधा दी जाए।
यह योजना लागू होने से पावर कारपोरेशन को राजस्व घाटा कम करने में मदद मिलेगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। इसके अलावा, बिजली विभाग को समय पर बिल भेजने और ग्रामीण इलाकों में प्रभावी वितरण प्रणाली लागू करने की जरूरत है। ऊर्जा विभाग इस संबंध में जल्द निर्णय ले सकता है ताकि वसूली प्रक्रिया को अधिक सुचारु और प्रभावी बनाया जा सके।