यूपी की सियासी जंग में आखिरी दिन, आज समाप्त होगा चुनाव प्रचार, 20 को मतदान

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करहल विधानसभा उपचुनाव का प्रचार 19 नवंबर, 2024 को शाम 5 बजे तक समाप्त हो जाएगा, और प्रचार के अंतिम दिन सभी प्रत्याशी और उनके समर्थक अपनी पूरी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। यह चुनाव सपा और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है, जहां दोनों दल इस सीट पर अपनी जीत दर्ज करने के लिए जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं। सपा इसे अपनी योग्यता साबित करने का मौका मान रही है, जबकि भाजपा इसे एक महत्वपूर्ण मिथक तोड़ने के रूप में देख रही है।

 

इस उपचुनाव में कुल सात प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें प्रमुख उम्मीदवारों में भाजपा के अनुजेश प्रताप सिंह (कमल चिह्न), सपा के तेज प्रताप सिंह (साइकिल चिह्न), और बसपा के डॉ. अवनीश कुमार (हाथी चिह्न) शामिल हैं। इसके अलावा, अन्य प्रत्याशियों में सचिन पिपिल (बल्ला), सुनील कुमार (अलमारी), प्रदीप (केतली), और विवेक यादव (चारपाई) भी मैदान में हैं।

 

19 नवंबर के बाद, प्रचार का शोर-शराबा बंद हो जाएगा और प्रत्याशी बिना शोर के घर-घर जाकर जनसंपर्क करेंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी, नीरज द्विवेदी के अनुसार, 20 नवंबर को मतदान होगा, और प्रशासन ने चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है। चुनाव प्रचार को लेकर प्रशासन ने वीडियोग्राफी की व्यवस्था भी की है, और मतदान पार्टियों के लिए प्रशिक्षण भी पूरा कर लिया गया है।

 

करहल विधानसभा क्षेत्र की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी काफी दिलचस्प है। 1952 में जब देश का पहला विधानसभा चुनाव हुआ था, तो करहल और शिकोहाबाद एक साथ मिलकर एक संयुक्त विधानसभा क्षेत्र बने थे। 1957 में यह क्षेत्र अलग कर करहल विधानसभा के रूप में अस्तित्व में आया, जब प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के नत्थू सिंह ने चुनाव जीता। इसके बाद, सीट 1974 में सुरक्षित कर दी गई थी और फिर सामान्य हो गई। 1974 के बाद, नत्थू सिंह ने बीकेडी से चुनाव लड़ा और जनता ने उन्हें जीत दिलाई।

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