गुरुनानक जयंती: सीएम ने गुरुद्वारा में अरदास कर दी शुभकामनाएं, सीएम निवास पर 17 नवंबर को होगा प्रकाश पर्व

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुनानक जयंती के अवसर पर भोपाल के अरेरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा में जाकर श्रद्धा से माथा टेका और प्रदेशवासियों को इस पावन अवसर पर गुरुनानक जयंती की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में गुरु नानक देव जी के योगदान को याद करते हुए उन्हें अखंड भारत का प्रणेता और सच्चाई, अच्छाई, बराबरी और मानवता के प्रतीक के रूप में सराहा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “गुरु नानक देव जी का जीवन और उनकी शिक्षाएं न केवल भारत बल्कि सम्पूर्ण दुनिया के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं। उनका संदेश समाज में समानता, भाईचारे और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। उन्होंने अपने जीवन में धार्मिक और सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास किया और आज उनकी शिक्षा हमारे समाज के लिए मार्गदर्शन है।”
डॉ. मोहन यादव ने आगे कहा कि गुरु नानक देव जी का आदर्श आज भी हमारे समाज में प्रासंगिक है, जहां वह हमेशा सच्चाई, धर्म और मानवता की बात करते थे। उन्होंने न केवल समाज के निचले वर्ग को सम्मान दिया बल्कि मानवता की सर्वोच्चता का संदेश भी दिया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि 17 नवम्बर को मुख्यमंत्री निवास पर एक भव्य प्रकाश पर्व का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेशवासियों को आमंत्रित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में गुरु नानक देव जी के उपदेशों को न केवल याद किया जाएगा, बल्कि उनके जीवन को आदर्श मानते हुए प्रदेश में समानता, शांति और एकता की दिशा में काम करने का संकल्प लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम में गुरु नानक देव जी के संदेश को फैलाने के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने की दिशा में विचार-विमर्श किया जाएगा। कार्यक्रम में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे और इस अवसर को संजीवनी बनाने के लिए सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “भगवान बिरसा मुंडा केवल आदिवासी समाज के ही नहीं, बल्कि पूरे देश के एक महानायक थे। उनके संघर्ष और समर्पण की वजह से ही आज हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं। भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज की एकता और अधिकारों की लड़ाई लड़ी और उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी नागरिकों से अपील की कि वे गुरुनानक जी और भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों पर चलते हुए समाज में शांति और सद्भावना की स्थापना के लिए कदम उठाएं।
इस भव्य समारोह का उद्देश्य न केवल गुरुनानक देव जी और भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करना था, बल्कि प्रदेश में सामाजिक समरसता, धार्मिक सौहार्द्र और मानवता के मूल्यों को बढ़ावा देना भी था। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से एकजुट होकर राज्य में समानता और न्याय की स्थापना के लिए मिलकर काम करने की अपील की।