5वें दिन भी जारी है आंदोलन, RO/ARO मामले पर छात्रों का हठ, आयोग का दबाव

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन फिलहाल जारी है। छात्र आयोग से मांग कर रहे हैं कि इस परीक्षा को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा की तरह एक दिन और एक शिफ्ट में कराया जाए। छात्रों का कहना है कि आयोग ने पीसीएस परीक्षा के लिए एक दिन की घोषणा की है, तो आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए भी यही निर्णय लिया जाए। इसके बिना उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा।

आयोग ने पहले आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया है, जिससे परीक्षा के आयोजन पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, छात्र इस पर संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि उन्हें लिखित आश्वासन चाहिए कि परीक्षा एक ही दिन में होगी। छात्र यह भी आरोप लगा रहे हैं कि आयोग उन्हें बरगलाने के प्रयास कर रहा है, क्योंकि पहले यह वादा किया गया था कि परीक्षा एक दिन में कराई जाएगी, लेकिन अब तक इस बारे में कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है।

आरओ-एआरओ परीक्षा में पंजीकरण करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 10 लाख से अधिक है, जो पीसीएस परीक्षा के मुकाबले बहुत ज्यादा है। इन अभ्यर्थियों के लिए पर्याप्त परीक्षा केंद्रों का होना एक बड़ी चुनौती है। आयोग को परीक्षा केंद्रों की कमी का सामना करना पड़ा है, जिससे एक ही दिन में परीक्षा कराना संभव नहीं हो पा रहा है। शासनादेश के अनुसार, परीक्षा केंद्रों का चयन कलेक्ट्रेट और कोषागार से 20 किलोमीटर की परिधि तक किया गया है, लेकिन फिर भी पर्याप्त संख्या में केंद्र उपलब्ध नहीं हो सके हैं।

इसके बावजूद आयोग ने परीक्षा को एक से अधिक दिनों में कराने का निर्णय लिया है, और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को अपनाने का फैसला किया है। यह प्रक्रिया उच्चतम न्यायालय के जनवरी 2024 में पारित निर्णय में उचित मानी गई है, जिसे आयोग ने भी माना है। वहीं, पीसीएस परीक्षा के लिए 576,978 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं और आयोग को 978 परीक्षा केंद्र ही मिले हैं, जबकि उसे 1758 केंद्रों की जरूरत थी।

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