बिहार में एशिया का सबसे चौड़ा ब्रिज बन रहा है, 11 जिलों के लोगों को मिलेगी यातायात की सुविधा

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बिहार में गंगा नदी पर बनने वाला एशिया का सबसे चौड़ा और राज्य का पहला 6-लेन केबल ब्रिज लगभग तैयार हो गया है। यह ब्रिज मोकामा के औंटा और बेगूसराय के सिमरिया के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और दोनों क्षेत्रों के बीच यात्रा को आसान बनाएगा। इस ब्रिज का निर्माण कार्य 92 प्रतिशत पूरा हो चुका है, और अब फिनिशिंग काम चल रहा है। उम्मीद है कि मार्च 2025 तक यह पुल पूरी तरह से चालू हो जाएगा, जिससे अप्रैल 2025 से गाड़ियों का आवागमन शुरू हो जाएगा।

इस पुल का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में किया था, और इसके निर्माण कार्य की शुरुआत 11 अगस्त 2018 को वेलस्पन इंटर प्राइजेज के तहत एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई थी। इस ब्रिज का निर्माण कुल 1161 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है, और इसकी कुल लंबाई 1.865 किलोमीटर है, जबकि एप्रोच रोड के साथ इसकी कुल लंबाई 8.15 किलोमीटर हो जाएगी।

यह पुल नेशनल हाईवे 80 के ऊपर से गुजरेगा और इसके दोनों ओर एप्रोच रोड बनाए जा रहे हैं, जो कि हाथीदह और सिमरिया बिंदटोली से राजेन्द्र पुल स्टेशन तक फैले होंगे। इसके साथ ही कुछ अन्य प्रोजेक्ट्स भी अंतिम चरण में हैं, जिनमें एक रेल ओवर ब्रिज (ROB), दो रेल अंडर ब्रिज और छह वेकल अंडर ब्रिज शामिल हैं।

इस पुल की खास बात यह है कि यह एशिया का सबसे चौड़ा केबल ब्रिज होगा, जिसकी चौड़ाई 34 मीटर होगी। पुल के दोनों ओर 13-13 मीटर चौड़ी तीन-तीन लेन होंगी, जबकि दोनों ओर डेढ़ मीटर चौड़ा फुटपाथ भी बनेगा, जिस पर पैदल चलने वालों, साइकिल और बाइक सवारों के लिए सुविधा होगी।

यह पुल उत्तर बिहार, दक्षिणी बिहार और पश्चिम बिहार के बीच की दूरी को कम करेगा, जिससे दरभंगा, समस्तीपुर, सहरसा, मधुबनी, पटना, लखीसराय, शेखपुर, जमुई, नवादा, गया जैसे जिलों के लोगों को लाभ होगा। गंगा नदी पर पुल निर्माण की प्रक्रिया देश की आजादी के बाद से शुरू हुई थी, और सिमरिया में पहला पुल बनाया गया था। यह नया ब्रिज बिहार के लोगों के लिए महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी का साधन बनेगा।

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