96 लाख रुपये की अवैध सिगरेट ज़ब्त, जांच के घेरे में प्रमुख व्यवसायी

बिहार के मुजफ्फरपुर में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 96 लाख रुपये की नकली सिगरेट की खेप जब्त की। यह कार्रवाई एनएच-27 पर मनियारी टोल प्लाजा के पास काजी इंदा चौक पर की गई, जहाँ सिगरेट को एक कंटेनर में छिपाकर ले जाया जा रहा था। डीआरआई की जांच में पाया गया कि इस कंटेनर में एक गुप्त तहखाना बनाया गया था, जिसमें सिगरेट छिपाई गई थी। इस खेप का स्रोत म्यांमार था, जहाँ नकली सिगरेट बनाने वाली कई फैक्ट्रियां काम करती हैं। इन फैक्ट्रियों में भारतीय और विदेशी ब्रांड की नकली सिगरेट बनाई जाती हैं, जो गुवाहाटी के जरिए भारत के अन्य हिस्सों तक पहुँचाई जाती हैं।
डीआरआई के अनुसार, म्यांमार से गुवाहाटी तक लाने के बाद, ये नकली सिगरेट उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में तस्करी के जरिए भेजी जाती हैं। इन राज्यों के प्रमुख शहरों में इस अवैध उत्पाद की खपत अधिक है, और अटकलें लगाई जा रही हैं कि स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता भी इस नेटवर्क में हो सकती है। जब्त किए गए कंटेनर के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिससे इस नेटवर्क से जुड़े और लोगों की पहचान करने में मदद मिल सकती है।
डीआरआई की यह कार्रवाई गुप्त खुफिया जानकारी के आधार पर की गई, जो नकली सिगरेट तस्करी के बढ़ते खतरे को दर्शाता है। अकेले 2023 में अब तक मुजफ्फरपुर में पाँच करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की नकली सिगरेट जब्त की जा चुकी है, और इस साल यह चौथी बड़ी जब्ती थी।
गुवाहाटी से नकली सिगरेट उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में पहुँचाने के लिए बरेली के कुछ व्यापारी भी इस अवैध नेटवर्क में शामिल पाए गए हैं। इससे पहले भी डीआरआई की टीम ने कार्रवाई करते हुए बरेली से चार व्यापारियों को गिरफ्तार किया था। डीआरआई का मुख्य उद्देश्य नकली सिगरेट वितरण के इस व्यापक नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करना है। इस अवैध व्यापार से न केवल आर्थिक नुकसान होता है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा जोखिम है। डीआरआई और अन्य संबंधित एजेंसियां इस पर लगाम लगाने के लिए सतर्क हैं और जांच जारी है।