छात्रों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और छात्रों में बढ़ा तनाव, तीखी नोकझोंक और हाथापाई

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सामने प्रदर्शन कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई है। पुलिस ने आज सुबह धरना स्थल पर अचानक कार्रवाई करते हुए कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिया, जिनमें छात्र नेता आशुतोष पांडे भी शामिल हैं, जो इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। इस पुलिस कार्रवाई में धरने पर बैठी कई छात्राएं भी घायल हो गईं। छात्राओं का आरोप है कि इस दौरान कई पुलिसकर्मी बिना वर्दी के थे और महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद नहीं थीं। छात्राओं ने पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाया है और अब वे स्वयं आंदोलन का नेतृत्व कर रही हैं।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात करना पड़ा है। पुलिस ने पूरे धरना स्थल को चारों ओर से बैरिकेडिंग कर घेर लिया है और छात्रों को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस प्रशासन और छात्रों के बीच नोकझोंक और हाथापाई की घटनाएं सामने आ रही हैं। छात्रों का गुस्सा अब पुलिस के खिलाफ बढ़ता जा रहा है, और वे नारेबाजी करते हुए प्रशासन के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रयागराज के डीसीपी अभिषेक भारती का कहना है कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों को संवैधानिक तरीके से विरोध जारी रखने की सलाह दी गई है। उनका कहना है कि बुधवार को असामाजिक तत्वों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था, जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है। भारती ने स्पष्ट किया कि ऐसे तत्व छात्रों को उकसा रहे हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उधर, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी प्रयागराज पहुंचकर आंदोलनरत छात्रों से मिल सकते हैं। इस बीच, छात्रों की प्रमुख मांगें यूपीपीएससी में सुधार, चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता, और आरोपियों के खिलाफ न्याय की मांग पर केंद्रित हैं। यह आंदोलन वर्तमान में प्रदेश में शिक्षा और रोजगार के मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है।