औद्योगिक कॉरिडोर से पूर्वांचल में बढ़ेगा रोजगार, किसानों की आय में सुधार

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारा बनने से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में रोजगार और औद्योगिक विकास का बड़ा हब बनने जा रहा है। इस पहल के तहत पूर्वांचल के कामगारों को रोजगार के लिए दिल्ली, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, लुधियाना या दक्षिण भारत जैसे दूरदराज के स्थानों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे स्थानीय स्तर पर ही बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे और जो लोग अन्य शहरों में काम कर रहे हैं, वे भी वापस लौट सकेंगे।
गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद में औद्योगिक गलियारा बनाने के लिए 13 गांवों की 447.9829 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जा रही है और किसानों को मुआवजा भी दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) इस परियोजना के अंतर्गत औद्योगिक पार्क, वेयरहाउस, फूड प्रोसेसिंग यूनिट, टेक्सटाइल पार्क, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माण इकाइयां, लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, और अन्य कई सुविधाएं स्थापित करेगी। इस परियोजना का उद्देश्य निवेशकों के लिए एक व्यापक और सुविधाजनक औद्योगिक क्षेत्र उपलब्ध कराना है, जिससे रोजगार के अवसर स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हों।
यह औद्योगिक गलियारा विशेष रूप से वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, मऊ, बलिया, आजमगढ़, गोरखपुर और अन्य आसपास के जिलों के कामगारों के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो अब रोजगार के लिए अन्य राज्यों में जाने पर मजबूर होते हैं। लॉकडाउन के दौरान घर लौटे कुछ कामगारों ने स्थानीय स्तर पर काम शुरू किया, लेकिन अपेक्षित अवसर न मिलने के कारण कई लोग वापस बाहर जाने लगे। औद्योगिक गलियारा परियोजना के माध्यम से स्थानीय कामगारों को अब आसानी से रोजगार मिल सकेगा।
इस औद्योगिक गलियारे के निर्माण के बाद पूर्वांचल में निवेश की संभावनाओं में तेजी आएगी। अधिकारी उमेश कुमार सिंह ने बताया कि इस परियोजना से पूर्वांचल में हजारों रोजगार अवसर उपलब्ध होंगे। औद्योगिक गलियारा बनने से निवेशकों को बेहतर कनेक्टिविटी और शांत माहौल मिलेगा, जो निवेश को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही, इस क्षेत्र में भूमि की कमी भी नहीं होगी और उद्यमियों को एक ही स्थान पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।